लोहड़ी के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13 जनवरी 2022 को एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वाराणसी में दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज-एमवी गंगा विलास (World’s Longest River Cruise- MV Ganga Vilas in Varanasi) को झंडी दिखाकर रवाना किया, साथ ही एक टेंट सिटी का उद्घाटन किया. यह लग्जरी क्रूज 51 दिनों में भारत और बांग्लादेश के 5 राज्यों में 27 नदी प्रणालियों में 3,200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह क्रूज विदेशी पर्यटकों के लिए तो आकर्षण का केंद्र होगा ही, साथ ही देश के जो लोग ऐसे अनुभवों के लिए विदेश जाते हैं, वे भी अब उत्तर-पूर्वी भारत का ही रुख कर पाएंगे. यह भारत के लिए रिवर क्रूज टूरिज्म के एक नए युग का सूत्रपात करेगी. इसी के साथ, प्रधानमंत्री ने 1000 करोड़ रुपये से अधिक की कई अन्य अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं (Inland waterways projects)का भी उद्घाटन और शिलान्यास भी किया.
इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारतीय त्योहारों में दान, आस्था, तपस्या और आस्था और उनमें नदियों की भूमिका पर जोर दिया. PM मोदी ने कहा, “काशी से डिब्रूगढ़ तक का यह सबसे लंबा रिवर क्रूज विश्व पर्यटन मानचित्र पर उत्तर भारत के पर्यटन स्थलों को सामने लाएगा. यह नदी जलमार्गों से संबंधित परियोजनाओं को और अधिक महत्वपूर्ण बनाता है.
एमवी गंगा विलास क्रूज (सुविधाएं और खर्च)
MV Ganga Vilas Cruise (Facilities & Cost)
एमवी गंगा विलास क्रूज को विश्व के सामने देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह भारत में ही तैयार किया गया है. विश्व धरोहर स्थलों, नेशनल पार्कों, नदी घाटों, बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका और असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों की यात्रा के साथ 51 दिनों की योजना बनाई गई है. यह यात्रा पर्यटकों को भारत और बांग्लादेश की कला, संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता में शामिल होने का अवसर देगी.
♦ एमवी गंगा विलास उत्तर प्रदेश के वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू करेगा और 51 दिनों में लगभग 3,200 किलोमीटर की यात्रा करके भारत और बांग्लादेश में 27 नदी प्रणालियों को पार करते हुए बांग्लादेश के माध्यम से असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगा.
♦ एमवी गंगा विलास क्रूज 62 मीटर लंबा, 12 मीटर चौड़ा है और 1.4 मीटर के ड्राफ्ट के साथ चलता है. इसमें तीन डेक हैं, 36 पर्यटकों की क्षमता वाले बोर्ड पर 18 सुइट (लग्जरी कमरे), 40 सीटों वाला एक शानदार रेस्टोरेंट, लॉन्ज, बार, एंटरटेनमेंट रूम, जिम और लाइब्रेरी है. लाइब्रेरी में उपलब्ध पुस्तकों में भारतीय संस्कृति से सम्बंधित जानकारी है. इस प्रकार इस क्रूज शिप पर पर्यटकों के लिए एक यादगार और शानदार अनुभव प्रदान करने के लिए सभी सुविधाएं हैं.
♦ आप इस क्रूज शिप को चलता-फिरता जलमहल भी कह सकते हैं. इस जहाज में नदियों की स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा गया है, यानी इस शिप का कोई भी कचरा नदियों में नहीं जाएगा. यह शिप प्रदूषण मुक्त तंत्र और शोर नियंत्रण तकनीकों से लैस है. इस क्रूज पर नॉनवेज और शराब उपलब्ध नहीं होगी.
♦ इस क्रूज शिप पर एक दिन की यात्रा का खर्च एक कमरे या एक कपल के हिसाब से 50,000 रुपये है. और 51 दिनों की यात्रा का खर्च करीब 20 लाख रुपये है. रहना, खाना-पीना सब कुछ है. पर्यटकों द्वारा अगले दो सालों के लिए (March 2024 तक) इस क्रूज शिप की एडवांस बुकिंग की जा चुकी है, और बुक कराने वालों में भारतीयों की भी अच्छी खासी संख्या है. पहली यात्रा में स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटकों ने पूरी 51 दिनों की यात्रा के लिए साइन अप किया है.
A trail through India's ancient heritage on some of the mightiest rivers of the world. #GangaVilas, the world's longest river cruise will be flagged-off by Hon'ble PM Shri @narendramodi ji on Jan 13. Join this majestic journey. pic.twitter.com/KMGuNeE277
— Sarbananda Sonowal (@sarbanandsonwal) January 10, 2023
प्रधानमंत्री ने बताया रिवर क्रूज का महत्त्व
एमवी गंगा विलास क्रूज अपनी तरह की पहली क्रूज सेवा है. यह देश में नदी पर्यटन (River Tourism) की विशाल क्षमता को खोलने की दिशा में एक कदम है. माना जा रहा है कि इससे हमारी समृद्ध विरासत वैश्विक स्तर पर और आगे बढ़ेगी क्योंकि दुनियाभर के पर्यटक आध्यात्मिक, शैक्षिक, कल्याण, सांस्कृतिक और साथ ही भारत की जैव विविधता की समृद्धि का अनुभव करने में सक्षम होंगे. काशी से सारनाथ, माजुली से मयोंग और सुंदरबन से काजीरंगा तक, यह क्रूज जीवनभर का एक अलग अनुभव देता है.
प्रधानमंत्री ने बताया कि इसमें सभी के लिए कुछ न कुछ खास है. आध्यात्मिकता चाहने वालों को काशी, बोधगया, विक्रमशिला, पटना साहिब और माजुली जैसे गंतव्यों को कवर किया जाएगा, एक बहुराष्ट्रीय क्रूज अनुभव की तलाश करने वाले पर्यटकों को ढाका के माध्यम से बांग्लादेश में जाने का अवसर मिलेगा, और जो भारत की प्राकृतिक विविधता को देखना चाहते हैं, उनके लिए यह सुंदरबन और असम के जंगलों से होकर गुजरेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस क्रूज का उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण महत्व है, जो भारत की नदी प्रणालियों को समझने में गहरी रुचि रखते हैं. यह क्रूज 25 अलग-अलग नदी धाराओं से होकर गुजरेगा. यह उन लोगों के लिए भी एक सुनहरा अवसर है जो भारत के असंख्य पाक-व्यंजनों की जानकारी और उनका स्वाद लेना चाहते हैं. यह कई बिलियन डॉलर्स की Opportunity है.. जो इन नदी के किनारे रहने वाले करोड़ों लोगों का जीवन बदल सकती है.
कोई भी इस क्रूज पर भारत की विरासत और इसकी आधुनिकता के असाधारण समामेलन को देख सकता है. क्रूज पर्यटन के नए युग से देश के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. प्रधानमंत्री ने कहा, “क्रूज शिप हो या कार्गो शिप, ये टूरिज्म और ट्रांसपोर्ट को ही बढ़ावा नहीं देते, बल्कि इनकी सर्विस से जुड़ा पूरा उद्योग भी रोजगार के नए अवसर पैदा करता है.”
एक अध्ययन का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि ‘जलमार्ग न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद हैं बल्कि पैसे बचाने में भी मदद करते हैं. जलमार्गों के संचालन की लागत सड़क मार्गों की तुलना में ढाई गुना और रेलवे की तुलना में एक तिहाई कम है. भारत में हजारों किलोमीटर के जलमार्ग नेटवर्क (Waterway network) को विकसित करने की क्षमता है. एक विकसित भारत के निर्माण के लिए मजबूत कनेक्टिविटी जरूरी है. भारत की नदी जल शक्ति और देश के व्यापार और पर्यटन को नई ऊंचाई देगी.’
(वैश्विक नदी क्रूज बाजार पिछले कुछ वर्षों में करीब 5% की दर से बढ़ा है और 2027 तक क्रूज बाजार का लगभग 37% बनने की उम्मीद है. यूरोप दुनिया में नदी क्रूज जहाजों के लगभग 60% हिस्से के साथ विकास कर रहा है).
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