संज्ञेय और असंज्ञेय अपराध क्या हैं? दोनों में क्या अंतर है?

संज्ञेय अपराध और असंज्ञेय अपराध (cognizable and non cognizable offence)

अपराध (Crime) की दो श्रेणियां बताई गई हैं- संज्ञेय अपराध और असंज्ञेय अपराध (cognizable and non cognizable offence)

संज्ञेय अपराध (Cognizable Offences)

संज्ञेय अपराध यानी जिन मामलों में पुलिस को तुरंत कार्रवाई की जरूरत होती है, या जिनमें पुलिस (Police) किसी अभियुक्त (Accused) को बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकती है. दूसरे शब्दों में- संज्ञेय अपराध के मामले में पुलिस अधिकारी किसी भी अभियुक्त को मजिस्ट्रेट की तरफ से जारी किए गए वारंट या प्राधिकार के बिना भी गिरफ्तार कर सकता है और मजिस्ट्रेट के किसी आदेश और निर्देश के बिना भी इस तरह के मामले का अन्वेषण (Investigation) कर सकता है. इस तरह के मामलों में पुलिस अधिकारी अपनी शक्ति का इस्तेमाल एक विधिक या कानूनी कर्तव्य के रूप में करता है.

दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure-CrPC) की धारा 2 (ग) के अनुसार, संज्ञेय अपराध से आशय ऐसे अपराधों से है, जिनमें पुलिस अधिकारी प्रथम अनुसूची के या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अनुसार वारंट के बिना भी गिरफ्तार कर सकता है.

गंभीर प्रकृति के होते हैं ये अपराध- संज्ञेय अपराध गंभीर और अजमानतीय (Non-Bailable) होते हैं, जिनमें आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान हो, उन अपराधों को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा जाता है. दंड प्रक्रिया संहिता की अनुसूची में ऐसे अपराधों की पूरी लिस्ट दी गई है, जिनमें स्पष्ट रूप से बताया गया है कि किन-किन श्रेणी के अपराधों में पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है और किन अपराधों में नहीं. संज्ञेय अपराधों में हत्या, डकैती, बलात्कार, हथियारों से लैस होकर अपराध जैसे मामले मुख्य रूप से शामिल हैं.

बिना वारंट के गिरफ्तार करने की वजह- किसी अपराधी को बिना वारंट के गिरफ्तार करने की मुख्य वजह यही है कि ऐसे अपराधी समाज के लिए घातक बन जाते हैं और उन्हें तुरंत हिरासत में लेना इसलिए बहुत जरूरी हो जाता है, क्योंकि अगर पुलिस अधिकारी उन्हें गिरफ्तार करने के लिए वारंट प्राप्त करने में समय लगाएंगे, तो तब तक ऐसे अपराधी या तो फरार हो जाएंगे या सबूत आदि मिटाने के लिए कोई और जघन्य अपराध पर बैठेंगे. इसीलिए थोड़े समय के लिए कानूनी औपचारिकताओं में ढील देते हुए उन्हें गिरफ्तार किया जाना और FIR दर्ज कर जांच शुरू किया जाना बेहद जरूरी होता है.

असंज्ञेय अपराध (Non-cognizable Offences)

CrPC की धारा 2 (ठ) के अनुसार, असंज्ञेय अपराध यानी जो संज्ञेय अपराध नहीं हैं, या जिनमें पुलिस अधिकारी को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं होता.

संज्ञेय और असंज्ञेय अपराधों में अंतर

(1) संज्ञेय अपराध काफी घातक या गंभीर स्वरूप के होते हैं, जबकि असंज्ञेय अपराध कम घातक प्रकृति के होते हैं.

(2) संज्ञेय अपराध के मामले में पुलिस अधिकारी अभियुक्त को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकता है, जबकि असंज्ञेय अपराध के मामले में पुलिस अभियुक्त को बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकती.

(3) संज्ञेय अपराध में पुलिस मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना ही जांच या अन्वेषण शुरू कर सकती है, जबकि असंज्ञेय अपराध के मामले में पुलिस अधिकारी मामले की जांच का काम मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना नहीं कर सकता.

(4) संज्ञेय अपराध के मामले में अपराध के हो जाने की पुलिस रिपोर्ट, पुलिस थाने के भार-साधक अधिकारी (Police station In-charge) को करनी पड़ती है, जबकि असंज्ञेय अपराध के मामले में अपराध हो जाने के बारे में परिवाद (Complaint) मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना जरूरी होता है.

(थाने का भार-साधक अधिकारी- अगर पुलिस थाने का भार-साधक अधिकारी थाने में उपस्थित ना हो, या बीमार हो, या अन्य किसी कारण से अपने कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ हो, तब थाने में मौजूद ऐसा पुलिस अधिकारी, जो ऐसे अधिकारी से पंक्ति में ठीक नीचे हो और कांस्टेबल की पंक्ति से ऊपर हो, या जब राज्य सरकार ऐसा निर्देश दे, तब इस तरह उपस्थित कोई पुलिस अधिकारी भी थाने का भार-साधक अधिकारी माना जाएगा.)



Copyrighted Material © 2019 - 2024 Prinsli.com - All rights reserved

All content on this website is copyrighted. It is prohibited to copy, publish or distribute the content and images of this website through any website, book, newspaper, software, videos, YouTube Channel or any other medium without written permission. You are not authorized to alter, obscure or remove any proprietary information, copyright or logo from this Website in any way. If any of these rules are violated, it will be strongly protested and legal action will be taken.



About Sonam Agarwal 237 Articles
LLB (Bachelor of Law). Work experience in Mahendra Institute and National News Channel (TV9 Bharatvarsh and Network18). Interested in Research. Contact- sonagarwal00003@gmail.com

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*