Bhagavad Gita Chapter 12 : श्रीमद्भगवद्गीता – बारहवाँ अध्याय (भक्ति योग)
‘सब कर्मों के फल का त्याग’ करने वाला मनुष्य न तो यह समझता है कि मुझसे भगवान कर्म करवाते हैं और न ही वह यह समझता है कि मैं भगवान के लिये समस्त कर्म करता हूँ. वह यह समझता है कि कर्म करने में ही मनुष्य का अधिकार है, उसके फल में नहीं. […]