Shaiv and Vaishnav : भगवान शिव और भगवान विष्णु
हमारे देश में शिवभक्त श्रीकृष्ण के भजन का आनंद लेते हैं, और विष्णुभक्त शिवरात्रि का उपवास रखते हैं. दोनों मिलकर नवरात्रि मनाते हैं. […]
हमारे देश में शिवभक्त श्रीकृष्ण के भजन का आनंद लेते हैं, और विष्णुभक्त शिवरात्रि का उपवास रखते हैं. दोनों मिलकर नवरात्रि मनाते हैं. […]
वृंदावन में श्रीकृष्ण और गोपियों का संपूर्ण जीवन क्रीड़ामय है. इसमें श्रीकृष्ण और राधाजी के अंग-प्रत्यंग की शोभा का अनेकानेक पदों में अत्यंत चमत्कारपूर्ण वर्णन सूरदास जी ने किया है. इसके बाद सूरदास जी वृंदावन की करील कुंजों, सुंदर लताओं, हरे-भरे कछारों के बीच खिली हुई चांदनी और कोकिल-कूजन … […]
डॉ. बीबी लाल अपनी प्रसिद्ध पुस्तक “महाभारत की ऐतिहासिकता” में लिखते हैं कि, “महाभारत को लेकर अन्वेषण में एक बड़ी समस्या यह है कि समय-समय पर इसमें श्लोकों की अभिवृद्धि हुई, जिसने मूल सन्दर्भ को अपनी छाया से ढक लिया है….” […]
शिवताण्डवस्तोत्रम् : सत्रह श्लोकों का यह ताण्डव-स्तोत्र अपने आप में गूढ़ार्थ लिये हुए हैं. रावण ने इसमें भगवान शिव के विराट स्वरूप एवं उनकी अपार महिमा का वर्णन किया है. […]
ओरियन नेबुला (Orion Nebula) में भी पानी के अणु मौजूद हैं और आज भी बन रहे हैं. यह नेबुला ज्यादातर हाइड्रोजन गैस से बना है. यह नेबुला इतना विशाल है और हर दिन इतना पानी बनाता है कि यह पृथ्वी के महासागरों में (जितना पानी है, उससे) 60 गुना से भी ज्यादा पानी हर दिन भर सकता है. […]
गीताप्रेस ने सनातन धर्म से सम्बंधित इतना कुछ एकत्रित करने में कड़ी मेहनत की है. इतिहास में उसकी मिसाल मिलना बेहद मुश्किल ही है. […]
शिवसंकल्पसूक्त का सम्बन्ध मन से है. शिवसंकल्पसूक्त मन या चित्त को शुद्ध करने के उद्देश्य से ईश्वर से की गई प्रार्थना है. […]
हमारा इतना बड़ा सूर्य हमारी मिल्की-वे गैलेक्सी में एक नन्हे से बिंदु के समान है. हमारा सूर्य बड़े तेजी से दौड़ते हुए मिल्की-वे के केंद्र की एक परिक्रमा 22 से 25 करोड़ वर्ष में पूरी कर पाता है. और हमारी मिल्की-वे लानियाकिया सुपरक्लस्टर में एक नन्हे से बिंदु के समान है. […]
सुकन्या ने उन दोनों कुमारों को प्रणाम करते हुए अपने पिता और अपने पति का नाम बता दिया और कहा, “मैं महात्मा च्यवन की पत्नी हूँ. उनके लिए जल लेने आई हूँ. आप कौन हैं? कृपया आश्रम में पधारें और महर्षि का आतिथ्य स्वीकार करें.” […]
लगभग चार सौ वर्ष बाद भी संसार मे सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली पुस्तक तुलसीदास की रामचरितमानस है, संसार में सबसे अधिक गायी जाने वाली पंक्तियां उन्ही की लिखी “हनुमान चालीसा” की हैं. […]
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