जनगणना समंक (Population Census) और जीवन समंक (Vital Statistics) में अंतर

जनगणना समंक (Population Census) और जीवन समंक (Vital Statistics) में अंतर, Difference between Population Census and Vital Statistics in Hindi

जनगणना समंक और जीवन समंक में अंतर (Difference between Population Census and Vital Statistics in Hindi)

सांख्यिकी के एक विभाग के रूप में, जीवन समंकों (Vital Statistics) का इतिहास अत्यंत पुराना है और संभवतः जनगणना समंकों के बाद इसका दूसरा स्थान है। लेकिन यह ध्यान देने योग्य बात है कि जनगणना समंकों (Population Census) और जीवन समंकों (Vital Statistics) में एक निकटतम सम्बन्ध होने के बावजूद इनमें काफी अन्तर पाया जाता है। जनगणना समंकों और जीवन समंकों में निम्नलिखित अंतर होते है –

1. जनगणना समंक (Population Census) किसी निश्चित तिथि या समय बिंदु (point of time) पर देश की जनसंख्या और इसकी विशेषताओं की एक स्थिर तस्वीर देती है, जबकि, इसके विपरीत, जीवन समंक (Vital Statistics) किसी निश्चित अवधि (period of time) में जनसंख्या में होने वाले परिवर्तनों के एक प्रकार से चलचित्र (motion pictures) होते हैं।

2. जनगणना समंक (Population Census) व्यक्तियों का संख्यात्मक संदर्भ है, जबकि जीवन समंक (Vital Statistics) जीवन से संबंधित घटनाओं का रिकॉर्ड (record of events) होता है।

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3. जीवन समंकों (Vital Statistics) की सहायता से प्रजनन क्षमता (fertility), मृत्यु, और प्रजनन दर (या पुनरुत्पादन दर) का विश्लेषण करके जनसँख्या – वृद्धि को मापा जाता है, जबकि जनगणना जन स्कंध (मानव सूची या human inventory) के मूल्यांकन में सहायक सिद्ध होती है।

4. जनगणना (census) की प्रक्रिया एक दशक अर्थात दस साल में एक बार संपन्न की जाती है, जबकि जीवन समंकों का पंजीयन एक निरंतर (सतत) एवं स्थायी प्रक्रिया है।

5. जनगणना (census) करते समय देश के प्रत्येक व्यक्ति द्वारा सूचना देना अनिवार्य समझा जाता है, जबकि जीवन समंक (Vital Statistics) का पंजीयन करना अनिवार्य या वैकल्पिक (ऐच्छिक) दोनों हो सकता है क्योंकि यह देश -विशेष की सरकार द्वारा घोषित आदेशों और नियमों पर निर्भर करता है।

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