PM मोदी ने जेवर में रखी देश के सबसे बड़े हवाई अड्डे Noida International Airport की आधारशिला

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जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट

Noida International Airport Jewar

25 नवंबर 2021 को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) की आधारशिला रखी गई है. इस एयरपोर्ट के साथ भारत ने दुनिया में एक और नई ऊंची छलांग लगाई है. क्षेत्रफल के आधार पर दुनियाभर के सबसे बड़े हवाई अड्डों की लिस्ट में भारत का नाम अब चौथे नंबर पर दर्ज हो गया है. वहीं, उत्तर प्रदेश भी देश का एकमात्र ऐसा राज्य बन गया है, जहां एक साथ 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (International Airports) होंगे.

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ग्रेटर नोएडा में स्थित जेवर (Jewar) में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास कर दिया है. यह एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा. इसी के साथ, अब यूपी देश में सबसे ज्यादा (5) इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला प्रदेश बन गया है, क्योंकि लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहले से ही हैं और अयोध्या (Ayodhya) में भी एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट (श्रीराम एयरपोर्ट) का निर्माण हो रहा है.

एशिया का भी सबसे बड़ा एयरपोर्ट

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ साल 2024 से यात्री सेवाओं की शुरुआत हो जाएगी. इस एयरपोर्ट को एशिया का भी सबसे बड़ा एयरपोर्ट (Asia’s Largest Airport) कहा जा रहा है, क्योंकि किसी भी एयरपोर्ट को छोटा या बड़ा इस लिहाज से कहा जाता है कि वहां रनवे (Runway) कितने हैं. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरुआती चरण में दो रनवे तैयार कर लिए जाएंगे, फिर इसका विस्तार 6 रनवे तक किया जाएगा. जबकि इस समय एशिया में सबसे ज्यादा रनवे (4 रनवे) वाला एयरपोर्ट चीन के शंघाई में है.

‘सैकड़ों युवाओं को मिलेगा रोजगार’

शिलान्यास के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि “उड़ान योजना ने इसका भी सपना पूरा किया है कि अब देश का आम आदमी भी विमान से यात्रा कर कर सके. उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय छाप छोड़ रहा है. ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सब का प्रयास’ ही हमारा मंत्र है. भारत को भटकाने की कोशिश तो बहुत हुई, लेकिन फिर भी भारत विकास के रास्ते से नहीं हटा”.

उन्होंने आगे कहा जिन राज्यों में समुद्री तट (sea coast) होते हैं, वहां के बंदरगाह (Ports) बड़ी भूमिका निभाते हैं, लेकिन चारों तरफ से जमीन से घिरे उत्तर प्रदेश राज्य में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसा बड़ा हवाई अड्डा एक बड़ी भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा इस एयरपोर्ट से सैकड़ों युवाओं को रोजगार मिलेगा और क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी और उड़ान मिलेगी.

वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने किसानों को धन्यवाद देते हुए कहा कि “इस एयरपोर्ट के लिए जिन-जिन किसानों ने अपनी जमीन दी हैं, उनका बहुत-बहुत धन्यवाद. इस हवाई अड्डे के बनने से इस क्षेत्र का विकास और तेजी से होगा.”

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और उसका निर्माण

दुनिया के चौथे और देश के सबसे बड़े हवाई अड्डे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर साल 2024 से विमान उड़ान भरना शुरू कर देंगे. इसी के साथ, उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे प्रमुख विमानन केंद्र के तौर पर स्थापित हो जाएगा.

इस एयरपोर्ट का निर्माण 4 चरणों में पूरा होगा. यह एयरपोर्ट जेवर में 6,200 हेक्टेयर क्षेत्र में बन रहा है और इसके निर्माण में 29,560 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इस एयरपोर्ट पर 6 रनवे होंगे, जिनकी लंबाई 4 किलोमीटर होगी. यह एयरपोर्ट 4 एक्सप्रेसवे, मेट्रो, बुलेट ट्रेन और पॉड टैक्सी से जुड़ा रहेगा.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस एयरपोर्ट पर एक साथ 178 विमान खड़े हो सकेंगे. पूरा बन जाने के बाद इस एयरपोर्ट से हर साल करीब 7 करोड़ यात्री सफर कर सकेंगे. यह भारत का सबसे आधुनिक ग्रीनफील्ड (नया बनने वाला) एयरपोर्ट होगा.

एयरपोर्ट के बनने तक यूपी में 16 अन्य एयरपोर्ट परिचालन में होंगे. इस तरह उत्तर प्रदेश देश में हवाई मार्गों में सबसे ज्यादा जुड़ा रहने वाला राज्य बन जाएगा. एयरपोर्ट के निर्माण के साथ लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होने के साथ-साथ कनेक्टिविटी के नए विकल्प तैयार होंगे.

दिल्ली-NCR में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) के बाद यह दूसरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होगा. ये एयरपोर्ट IGI एयरपोर्ट से 72 किलोमीटर, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद से 40 किलोमीटर, ग्रेटर नोएडा से 28 किलोमीटर, गुरुग्राम से 65 किलोमीटर और आगरा से 130 किलोमीटर दूर होगा. इस तरह यह एयरपोर्ट NCR की राह आसान बनाएगा.

यह एयरपोर्ट दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से भी जोड़ा जाएगा और टर्मिनल बिल्डिंग में इसका स्टेशन होगा. इससे दिल्ली से एयरपोर्ट की दूरी मात्र 21 मिनट में तय हो जाएगी. इस एयरपोर्ट पर बुलेट ट्रेन, मेट्रो और पॉड टैक्सी की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी.

अन्य विशेषताएं- पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त यानी शून्य कार्बन उत्सर्जन, डिजिटल एयरपोर्ट पेपरलेस होने के साथ सभी कार्य बायोमेट्रिक माध्यम से, कन्वेयर बेल्ट के जरिए 10 मिनट में 95 प्रतिशत सामान की आवाजाही, वेटिंग एरिया में 30 फीसदी यात्रियों के बैठने की सुविधा, 24 हेक्टेयर क्षेत्र में सिटी साइट एरिया तैयार होगा.

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण का निर्माण

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण चार चरणों में पूरा होगा और अंतिम चरण का काम साल 2040-50 तक पूरा हो जाएगा. पहले चरण के लिए 6 गांवों की जमीन (1,334 हेक्टेयर) में ली गई हैं. पहले चरण का काम 1,334 हेक्टेयर में 36 महीने यानी नवंबर 2024 तक पूरा होगा. इस चरण को पूरा करने में लगभग 10,050 करोड़ रुपए की लागत आएगी.

पहले चरण में दो रनवे बनाए जाएंगे. इस पहले चरण के पूरा हो जाने पर एयरपोर्ट पर यात्री सेवाओं की शुरुआत भी हो जाएगी. शुरुआत में हर साल 1 करोड़ 20 लाख यात्री एयरपोर्ट से सफर कर सकेंगे. चारों चरणों के पूरा होने के बाद यह देश का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन जाएगा.

क्षेत्रफल के आधार पर दुनिया के मौजूदा 5 सबसे बड़े एयरपोर्ट-

  • किंग फहद इंटरनेशनल एयरपोर्ट (सऊदी अरब)– 77,600 हेक्टेयर क्षेत्रफल
  • डेनवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (अमेरिका)– 13,571 हेक्टेयर क्षेत्रफल
  • डलास इंटरनेशनल एयरपोर्ट (अमेरिका)– 6,963 हेक्टेयर क्षेत्रफल
  • ऑरलैंडो इंटरनेशनल एयरपोर्ट (अमेरिका)- 5,383 हेक्टेयर क्षेत्रफल
  • वॉशिंगटन डलेस इंटरनेशनल एयरपोर्ट (अमेरिका)- 4,856 हेक्टेयर क्षेत्रफल

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