Shaiv and Vaishnav : भगवान शिव और भगवान विष्णु
हमारे देश में शिवभक्त श्रीकृष्ण के भजन का आनंद लेते हैं, और विष्णुभक्त शिवरात्रि का उपवास रखते हैं. दोनों मिलकर नवरात्रि मनाते हैं. […]
हमारे देश में शिवभक्त श्रीकृष्ण के भजन का आनंद लेते हैं, और विष्णुभक्त शिवरात्रि का उपवास रखते हैं. दोनों मिलकर नवरात्रि मनाते हैं. […]
शिवताण्डवस्तोत्रम् : सत्रह श्लोकों का यह ताण्डव-स्तोत्र अपने आप में गूढ़ार्थ लिये हुए हैं. रावण ने इसमें भगवान शिव के विराट स्वरूप एवं उनकी अपार महिमा का वर्णन किया है. […]
“हाथों से, पैरों से, वाणी से, शरीर से, कर्म से, कर्णों से, नेत्रों से अथवा मन से भी हमने जो अपराध किए हैं, वे विहित हों अथवा अविहित, उन सबको है करुणासागर महादेव शम्भो! क्षमा कीजिए! आपकी जय हो, जय हो.” […]
जीवन में हर चीज का अभ्यास और निरंतरता जरूरी है. बैठे-बैठे कोई सिद्धि या उपलब्धि प्राप्त नहीं की जा सकती है. […]
एक समय शिवभक्तों और विष्णुभक्तों में एक-दूसरे को जीतने की इच्छा से बड़ा विवाद हुआ. तब भगवान् शंकर और विष्णु जी ने अपने भक्तों के देखते-देखते एक परम अद्भुत रूप धारण किया. […]
तप के बल से ही ब्रह्मा जी संसार की रचना करते हैं और तप के बल से ही श्री विष्णु सारे जगत् का पालन करते हैं. तप के बल से ही भगवान शिव (रुद्र रूप से) जगत् का संहार करते हैं. […]
भगवान शिव (Bhagwan Shiv) किसी भी इंसान या प्राणी के कर्मफल को भी बदल सकते हैं. महादेव किसी की भी मृत्यु को भी टाल सकते हैं, इसीलिए उन्हें ‘मृत्युंजय’ कहते हैं. वे किसी भी कठिन से कठिन रोग का इलाज कर सकते हैं, इसीलिए उन्हें वैद्यों के वैद्य यानी वैद्यनाथ कहते हैं. […]
भगवान शिव (Bhagwan Shiv) की सच्चे मन से आराधना करने, पूजा करने, उनके व्रत रखने से कोई कामना अधूरी नहीं रहती. भगवान शिव की उपासना से केवल शिवजी ही नहीं, बल्कि भगवान कार्तिकेय जी, भगवान गणेश जी, भगवान विष्णु जी और सभी देवताओं की भी कृपा प्राप्त होती है. […]
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