समन मामले और वारंट मामले क्या हैं? दोनों में क्या अंतर हैं?
CrPC की धारा 2 (भ) के अनुसार, जो अपराध मृत्युदंड या आजीवन कारावास या 2 साल या उससे ज्यादा के कारावास से दंडनीय हैं, वे वारंट मामले (Warrant Cases) हैं. […]
CrPC की धारा 2 (भ) के अनुसार, जो अपराध मृत्युदंड या आजीवन कारावास या 2 साल या उससे ज्यादा के कारावास से दंडनीय हैं, वे वारंट मामले (Warrant Cases) हैं. […]
जांच (Inquiry) किसी मजिस्ट्रेट या न्यायालय की तरफ से ही की जा सकती है. पुलिस अधिकारी की तरफ से की गई अन्वेषण की कार्यवाही (Investigation) को जांच नहीं माना जाता है. […]
जमानती अपराध (Bailable Offence) के मामले में अभियुक्त जमानत की मांग अधिकार के साथ कर सकता है, लेकिन गैर-जमानती अपराध (Non-bailable Offences) के मामले में वह जमानत की मांग अधिकार के रूप में नहीं कर सकता. […]
संज्ञेय अपराध (Cognizable Offences) के मामले में पुलिस अधिकारी अभियुक्त को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकता है, जबकि असंज्ञेय अपराध (Non-cognizable Offences) के मामले में पुलिस अभियुक्त को बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकती. […]
कोई भी कार्य (Act) नैतिकता की नजर से कितना भी बुरा क्यों न हो, लेकिन वह तब तक अपराध नहीं होता, जब तक किसी विधि या कानून के तहत उसे अपराध (Crime) की श्रेणी में न रखा गया हो. […]
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