Mahabharat ka Yuddh : द्रौपदी की हंसी और महाभारत का युद्ध?
युधिष्ठिर कहते हैं, “विदुर जी! मेरे मन में जुआ खेलने की इच्छा नहीं है. यदि मुझे विजयशील राजा धृतराष्ट्र का निमंत्रण न होता तो मैं शकुनि के साथ कभी जुआ न खेलता. किन्तु बुलाने पर मैं कभी पीछे न हटूंगा.” […]