Goswami Tulsidas : भक्ति, भाव और भाषा के अप्रतिम सम्राट गोस्वामी तुलसीदास
गोस्वामी तुलसीदास जी के संबंध में हरिऔध जी के हृदय से स्वयं ही फूट पड़ी निम्नलिखित प्रशस्ति अपनी समीचीनता में बेजोड़ है. कहने की आवश्यकता नहीं है कि- “कविता तुलसी से नहीं, बल्कि तुलसी से कविता गौरवान्वित हुई है. तुलसीदास जी को पाकर वाणी धन्य हो उठी है.” […]