Mystery of Origin of the Universe –
अंतरिक्ष (Space) के बारे में जितना भी जानें, उतना ही और जानने की इच्छा बढ़ती जाती है. अनगिनत रहस्यों से भरा पड़ा है ये ब्रह्मांड (Universe). अगर आप इस अंतरिक्ष की सैर पर निकलेंगे, तो करोड़ों-अरबों साल बीत जाएंगे, लेकिन आपकी सैर और खोज खत्म नहीं होगी. इस ब्रह्मांड में सूक्ष्म अणुओं से लेकर अरबों तारों को समेटी हुईं विशालकाय आकाशगंगाएं मौजूद हैं, जिनमें पृथ्वी के साथ अलग-अलग तारे, ग्रह, उपग्रह, पिंड सभी शामिल हैं.
हर साल इसे लेकर नई-नई वैज्ञानिक खोज होती है, नए खुलासे होते हैं और हर एक नया खुलासा पुराने दावों को तोड़ता हुआ भी नजर आ जाता है. कहा भी जाता है कि भौतिक विज्ञान के सहारे इंसान ब्रह्मांड के रहस्यों की एक प्रतिशत गुत्थी भी नहीं सुलझा सकता.
केवल अनुमान ही लगाया गया है
हमारे चारों ओर फैला विशाल आकाश या अंतरिक्ष, जो अनंत तक जाता है, ब्रह्मांड कहलाता है. ब्रह्मांड कितना बड़ा है और किस आकार का है और यह कहां तक फैला है, इसका कोई अंत है भी या नहीं, इन सबके बारे में अब तक कोई भी सटीक जानकारी नहीं मिल पाई है, केवल अनुमान लगाया गया है कि ब्रह्मांड में करीब 100 अरब आकाशगंगाएं हैं और हर एक आकाशगंगा में 100 अरब तारे हैं. सूर्य जो हमारी पृथ्वी पर जीवन का आधार है, अरबों तारों से भरे इस ब्रह्मांड में मौजूद केवल एक छोटा सा तारा है. पृथ्वी तो हमारे इस विशाल अंतरिक्ष में एक सूक्ष्म बिंदु के समान है.
सभी कर रहे एक-दूसरे की परिक्रमा
ब्रह्मांड में कुछ भी स्थिर नहीं है, और न ही कुछ निरंतर है. जैसे पृथ्वी पर मनुष्य जन्म लेते और मरते रहते हैं, ठीक उसी तरह ब्रह्मांड में हजारों तारे, ग्रह, नक्षत्र आदि जन्म लेते और खत्म होते रहते हैं. हर कोई अपना-अपना काम कर रहा है. हर कोई एक-दूसरे से बंधा हुआ है. इसी से अंतरिक्ष में संतुलन बना रहता है.
जैसे पृथ्वी (Earth) और अन्य ग्रह सूर्य की परिक्रमा कर रहे हैं. इन सभी ग्रहों के उपग्रह अपने-अपने ग्रहों की परिक्रमा कर रहे हैं. स्वयं सूर्य (Sun) भी 5,15,000 मील प्रति घंटे (8,28,000 किलोमीटर प्रति घंटे) की रफ्तार से दौड़ लगाते हुए आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा कर रहा है. सूर्य को अपनी एक परिक्रमा पूरी करने में लगभग 230 मिलियन वर्ष लग जाते हैं.
ब्रह्मांड कैसे बना, कब बना?
Origin of the Universe in Hindi – ब्रह्मांड कब बना, कैसे बना, इसे लेकर भी कई सिद्धांत या थ्योरी दी गई हैं, लेकिन तब भी अब तक किसी के भी मन को संतुष्ट करने वाला कोई सिद्धांत सामने नहीं आया. कई वैज्ञानिकों का यह मानना है कि ब्रह्मांड हमेशा से एक जैसा ही रहा है. न तो इसका आरंभ हुआ है और न ही कभी इसका अंत हो सकता है. वहीं, साल 1920 में एडमिन हब्बल नाम के वैज्ञानिक ने बताया कि ब्रह्मांड का लगातार विस्तार हो रहा है और समय बीतने के साथ-साथ आकाशगंगाओं के बीच की दूरी भी बढ़ती जा रही है.
ब्रह्मांड की उत्पत्ति- बिग बैंग सिद्धांत
इन्हीं वैज्ञानिक ने ब्रह्मांड की उत्पत्ति से जुड़ा ‘बिग बैंग सिद्धांत (Big Bang theory)’ दिया है, जिसके अनुसार करीब 13.8 अरब साल पहले सभी भौतिक तत्व और ऊर्जा एक पॉइंट (बिंदु) पर सिमटी हुई थी. जब इस बिंदु में एक महाविस्फोट हुआ तो इस बिंदु ने फैलना शुरू किया, तो इसी से ब्रह्मांड का बनना या विस्तार होना शुरू हो गया. स्टीफन हॉकिंग ने बताया था कि इस बिग बैंग के पहले ‘समय’ या ‘टाइम’ ही नहीं था. इसी ब्रह्मांड में अलग-अलग प्रक्रियाओं से करीब 4.6 अरब सालों पहले सभी ग्रहों का निर्माण हुआ. इस थ्योरी के अनुसार, ब्रह्मांड के सभी अणु एक-दूसरे से दूर भागते-भागते फैलते चले गए, जिससे ब्रह्मांड का विस्तार होता चला गया.
हालांकि इससे पहले क्या था, ये कोई नहीं जानता. जब अंतरिक्ष ही नहीं था, समय ही नहीं था, तो ये बिंदु कहां लटका हुआ था, कहां से आया, इस बिंदु को किसने बनाया, और अचानक इसमें महाविस्फोट क्यों हुआ. इन सब सवालों का कोई भी जवाब फिलहाल विज्ञान के पास नहीं है. ब्रह्मांड की उत्पत्ति को लेकर अब तक जितनी भी वैज्ञानिक थ्योरी दी गई हैं, वे सभी कहीं न कहीं जाकर एक ऐसे बिंदु पर अटक ही जाती हैं, जहां भौतिक विज्ञान का कोई भी नियम या तर्क काम नहीं करता.
ब्रह्मांड की उत्पत्ति को लेकर अब तक जितनी भी वैज्ञानिक थ्योरी दी गई हैं, वे सभी केवल अनुमान मात्र हैं, उन सभी का प्रत्यक्ष प्रमाण विज्ञान तो कभी नहीं दे पाएगा.
एडमिन हब्बल का मानना है कि ब्रह्मांड का विस्तार आज भी हो रहा है, क्योंकि गैलेक्सी एक-दूसरे से दूर होती जा रही हैं, तो क्या ब्रह्मांड के बाहर भी कुछ है? या ब्रह्मांड का अपने-आप में ही विस्तार हो रहा है, लेकिन कैसे? फिलहाल इसका जवाब भी किसी के पास नहीं है. केवल अनुमान मात्र हैं. ब्रह्मांड का विस्तार कहां तक होगा, कब तक होगा और इसके क्या परिणाम सामने आएंगे, ये भी कोई नहीं जानता.
प्रकाश और समय
जब हम अंतरिक्ष में अत्यधिक दूर की वस्तुओं को देख रहे होते हैं, तो हम वास्तव में समय में पीछे देख रहे होते हैं.
जैसे- यदि कोई पिंड हमसे 13 अरब प्रकाश वर्ष दूर है, तो इसका अर्थ है कि हम उस पिंड को वैसे ही देख रहे हैं जैसे वह 13 अरब वर्ष पहले दिखाई देता था.
हमारा निकटतम तारा सूर्य हमसे लगभग 93 मिलियन मील दूर है. सूर्य के प्रकाश को हम तक पहुँचने में लगभग 8.3 मिनट लगते हैं, तो इसका मतलब है कि हम सूर्य को हमेशा वैसे ही देखते हैं जैसे वह लगभग 8.3 मिनट पहले था. तो यदि अभी सूरज अचानक फट जाये, तो हमें 8.3 मिनट तक इसके बारे में पता नहीं चलेगा, क्योंकि विस्फोट की रोशनी को यहां तक पहुंचने में 8.3 मिनट का समय लगेगा.
इसी प्रकार, हमसे अगला निकटतम तारा लगभग 4.3 प्रकाश वर्ष दूर है. इसलिए, जब हम आज इस तारे को देखते हैं, तो हम वास्तव में इसे वैसे ही देख रहे हैं जैसे यह 4.3 साल पहले था.
खगोलीय इकाई में मापते हैं तारों-ग्रहों के बीच की दूरी
ब्रह्मांड में अरबों तारे मौजूद हैं, लेकिन ये सभी तारे एक समान दूरी पर नहीं हैं. ये तारे ग्रुप बनाकर रहते हैं और इन ग्रुपों को ही ‘आकाशगंगा’ या गैलेक्सी (Galaxies) कहते हैं. ब्रह्मांड में मौजूद तारों के बीच की दूरी इतनी ज्यादा होती है कि उनके बीच की दूरी को हम किलोमीटर या मील में नहीं नाप सकते, इसीलिए हम तारों, पिंडों या ग्रहों के बीच की दूरियों को मापने के लिए खगोलीय इकाई जैसे ‘प्रकाश वर्ष’ और ‘पारसेक’ का इस्तेमाल करते हैं.
(एक साल में प्रकाश जितनी दूरी तय करता है, उस दूरी को ही ‘एक प्रकाश वर्ष’ कहा जाता है. प्रकाश 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से चलता है और एक साल में यह 9.46*10 की पावर 12 किलोमीटर की दूरी तय करता है. इसी को एक प्रकाश वर्ष कहा जाता है. जैसे पृथ्वी सूर्य से 14 करोड़ 95 लाख 98 हजार 900 किलोमीटर दूर है. अब अगर इसी दूरी को प्रकाश वर्ष में मापा जाए तो हम कहेंगे कि पृथ्वी सूर्य से केवल 8.311 प्रकाश वर्ष दूर है).
Read Also : सामान्य ज्ञान, रोचक तथ्य और जानकारियां
Tags : origin of the universe and solar system in hindi, hamara universe, space universe brahmand kitna bada hai, universe definition science, brahmand universe ke bare mein, universe ka sabse bada tara, universe knowledge in hindi, universe ki sabse badi galaxy, universe ka sabse bada planet, brahmand kise kahate hain, brahmand kaise banaa, brahmand ka nirman kaise hua, antriksh kitna bada hai antriksh ke bare mein, अंतरिक्ष ब्रह्मांड कितना बड़ा है, ब्रह्मांड की उत्पत्ति से संबंधित सिद्धांत, ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई, ब्रह्मांड के अनसुलझे रहस्य, ब्रह्मांड के बारे में रोचक तथ्य जानकारी, origin of universe solar system, origin of the universe
Copyrighted Material © 2019 - 2024 Prinsli.com - All rights reserved
All content on this website is copyrighted. It is prohibited to copy, publish or distribute the content and images of this website through any website, book, newspaper, software, videos, YouTube Channel or any other medium without written permission. You are not authorized to alter, obscure or remove any proprietary information, copyright or logo from this Website in any way. If any of these rules are violated, it will be strongly protested and legal action will be taken.
Be the first to comment