Curry Patta ke Fayde
भारत की रसोइयों में बहुत तरह के मसाले होते हैं, जो हमारे खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ ही उसे और भी स्वास्थ्यवर्धक बना देते हैं. उन्हीं मसालों में से एक है मीठा नीम (Sweet Neem), जिसका भारतीय रसोई में एक अलग ही महत्व है. मीठे नीम को ‘करी पत्ता (Kari Patta)’ या ‘कढ़ी पत्ता (Curry Leaf)’ के नाम से भी जाना जाता है.
दरअसल, मीठे नीम का इस्तेमाल विशेष रूप से कढ़ी में डालने के लिए किया जाता था, इसीलिए इसे ‘कढ़ी पत्ता’ नाम दिया गया था. मराठी में इसे ‘कढ़ी निंब’ कहा जाता है. लेकिन अब मीठे नीम का इस्तेमाल लगभग हर तरह के खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है. करी पत्ता खाने का स्वाद तो कई गुना बढ़ा ही देता है, साथ ही यह हमारी सेहत को भी दुरुस्त रखने में मददगार है. इसमें कई सारे औषधीय गुण पाए जाते हैं. आज हम आपको इसके कई बड़े फायदे बताने जा रहे हैं.
मीठे नीम का पेड़
मीठा नीम पूरे भारत में पाया जाता है. यह झाड़ीदार और खुशबूदार पेड़ है और इसकी ऊंचाई बहुत ज्यादा नहीं होती. मीठे नीम का पेड़ करीब 2 से 4 मीटर ऊंचा होता है. इसकी पत्तियां नुकीली होती हैं और पेड़ पर बारीक कांटे पाए जाते हैं. इनके फूल छोटे, सफेद और खुशबूदार होते हैं. मीठे नीम पर लगने वाले फल तो खाए जा सकते हैं, लेकिन इनके बीज नहीं खाए जाते. मीठे नीम के पौधों या पेड़ों को बगीचों में भी उगाया जा सकता है. लोग इसे अपने घर के छोटे गमलों में भी लगा लेते हैं और जरूरत के अनुसार इस्तेमाल करते रहते हैं.
मीठे नीम के गुण और इस्तेमाल
मीठी नीम की पत्तियों में विटामिन B और C होता है. इसके अलावा इनमें आयरन, कैल्शियम और फॉस्फोरस भी पाया जाता है. मीठे नीम की पत्तियों में पालक और मेथी की तुलना में विटामिन-A ज्यादा पाया जाता है. दूसरी सब्जियों के मुकाबले इसमें कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन भी 2 से 3 गुना ज्यादा होता है.
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जानकारों के अनुसार, मीठा नीम बालों, त्वचा, पाचन और अमाशय (Stomach) के लिए बहुत ही फायदेमंद है. यह रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है. आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल एक जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है. आयुर्वेद के अनुसार, मीठे नीम की पत्तियां एंटी-डायबिटीक, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-हाइपरकोलेस्ट्रौलेमिक के रूप में भी काम करती हैं.
आजकल लगभग हर रसोई में खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए मीठे नीम का इस्तेमाल भरपूर होता है. दक्षिण भारत और पश्चिमी तट के राज्यों में तड़का लगाने, रसीली सब्जियों, दालों, नमकीन, सांभर, पोहा, सूप आदि बनाने में इसकी पत्तियों का बहुत इस्तेमाल किया जाता है. इसकी पत्तियों से तेल भी निकाला जाता है, जिसका इस्तेमाल एक्जिमा या घावों को ठीक करने में भी किया जाता है.
अलग-अलग समस्याओं में मीठे नीम का इस्तेमाल
बालों के लिए- मीठे नीम में वे सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो बालों को स्वस्थ रख सकते हैं. बालों की अच्छी सेहत के लिए आप मीठे नीम की पत्तियों को अच्छी तरह धोकर सीधे भी खा सकते हैं या, उन्हें पीसकर या पानी में उबालकर कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं. मीठे नीम की पत्तियों के रोजाना इस्तेमाल से बालों में जान आ जाएगी और वे लंबे, काले और घने होने लगते हैं, साथ ही डैंड्रफ (रूसी) की समस्या भी खत्म होने लगती है. स्वस्थ बालों के लिए-
– मीठे नीम की कुछ पत्तियों को पीसकर स्कैल्प पर लगाएं और फिर 15-20 मिनट बाद बालों को शैंपू कर लें.
– मीठे नीम की पत्तियों को नारियल तेल में उबाल लें और गुनगुना या ठंडा होने पर इससे बालों की हल्के हाथों से मसाज करें. करीब 1-2 घंटे बाद बालों को शैंपू कर लें.
– मीठे नीम की पत्तियों को अच्छे से सुखा लें और उन्हें पीसकर पाउडर बना लें. फिर थोड़े से नारियल के तेल या जैतून के तेल में इस पाउडर को मिलाकर अच्छे से उबाल लें. अच्छे से उबालने के बाद इस तेल को ठंडा या गुनगुना कर लें. इस तेल से बालों की हल्के हाथों से मसाज करें और फिर एक-दो घंटे बाद बालों को शैंपू कर लें.
चेहरे के लिए- पुराने समय से ही मीठे नीम का इस्तेमाल चेहरे की सुंदरता बढ़ाने के लिए भी किया जाता रहा है, क्योंकि यह त्वचा की कई समस्याओं को जड़ से खत्म कर सकता है. इसका इस्तेमाल आप फेसपैक के रूप में कर सकते हैं.
स्वस्थ त्वचा के लिए- मीठे नीम की पत्तियों को धूप में अच्छी तरह सुखाकर, पीसकर पाउडर बना लें. इस पाउडर में थोड़ा गुलाबजल और मुल्तानी मिट्टी और थोड़ा सा नारियल तेल या जैतून का तेल मिला लें. इस लेप को अपने चेहरे पर लगाएं और लगभग 20 मिनट बाद सादा पानी से मुंह धो लें.
पिंपल्स के लिए- मीठे नीम की पत्तियों को अच्छे से साफ करके पीस लें. इसमें थोड़ा सा नींबू का रस मिलाकर पिंपल्स और एक्ने वाली जगहों पर लगाएं. करीब 15 मिनट बाद सादा पानी से मुंह धो लें. ऐसा करने से एक्ने और पिंपल्स की समस्या खत्म हो जाती है.
♦ मीठा नीम एक अच्छा कीटनाशक होता है. यह सड़न को दूर करने में सहायक है. एग्जिमा और घावों के लिए यह एक अच्छी दवाई का काम करता है. मीठे नीम की पत्तियों को पीसकर घाव पर या एग्जिमा पर लगाने से उनके कीटाणु खत्म होने लगते हैं.
♣ मीठा नीम एक प्राकृतिक एंटी-ऑक्सीडेंट के तौर पर काम करता है. रोजाना मीठे नीम की पत्तियों को चबा-चबाकर खाने से पेट की सफाई होती रहती है, पाचन शक्ति मजबूत होती है और एक्स्ट्रा फैट भी कम होता है, जिससे पेट और त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं दूर हो जाती हैं. यह आंखों के लिए और किडनी के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है.
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♦ मीठे नीम की 6-7 पत्तियों को रोज चबा-चबाकर खाने से हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है. मीठी नीम की पत्तियों को चबा-चबाकर खाने से पेचिश मिटती है.
♦ छाछ में मीठे नीम की पत्तियों का तड़का लगाकर पीने से पेट की गड़बड़ी दूर होती है.
♦ मीठे नीम की पत्तियों को शहद के साथ लेने से दस्त, पेचिश और बवासीर में आराम मिलता है.
♦ मीठी नीम की पत्तियों को पीसकर लगाने से किसी जहरीले जीव या कीड़े के डंक से आई हुई सूजन और दर्द दूर हो जाता है.
♦ सुबह ताजे करी पत्तों का सेवन करने से डायबिटीज में भी आराम होता है.
♦ मीठे नीम की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से उल्टी बंद होती है. इन पत्तियों को पानी के साथ पीसकर छानकर पिलाने से खून वाले दस्त में आराम होता है.
नोट- आप मीठे नीम का इस्तेमाल रोज के खाने में मसाले के रूप में कर सकते हैं, लेकिन किसी बीमारी के लिए मीठी नीम का सेवन करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह ले लें.
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