सर्दियों में इतना फायदेमंद है लहसुन! जानिए इसके गुण, इस्तेमाल और फायदे

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लहसुन

Garlic Benefits in Hindi

सर्दियों के शुरू होते ही सर्दी-जुकाम जैसी कई तरह की परेशानियां हमें घेरना शुरू कर देती हैं, लेकिन प्रकृति ने भी हर मौसम में हमारा ख्याल रखने के लिए अलग-अलग तरह की आयुर्वेदिक औषधियां पहले ही बना रखी हैं, जिनका सही तरह से इस्तेमाल किया जाए तो किसी भी मौसम में हमें कोई कठिनाई नहीं होगी. ऐसी ही एक जबरदस्त आयुर्वेदिक औषधि है- लहसुन (Garlic), जिसके फायदे लगभग सभी जानते हैं, इसीलिए सर्दियां आते ही ज्यादातर घरों में अलग-अलग खाने में लहसुन का इस्तेमाल शुरू हो जाता है. आज हम आपको लहसुन के कई चमत्कारी फायदे बताने जा रहे हैं.

‘अमृत’ के समान है लहसुन

लहसुन (Lahsun) प्याज की ही एक प्रजाति है. इसका वैज्ञानिक नाम ‘एलियम सैटिवुम एल’ है. प्राचीन काल से ही लहसुन का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता रहा है. आयुर्वेद में लहसुन को बहुत फायदेमंद और अमृत के समान बताया गया है. इसके पीछे एक लोककथा भी प्रचलित है. कहा जाता है कि जब भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ जी देवराज इंद्र के यहां से अमृत का घड़ा ले जा रहे थे, तब उस घड़े में से अमृत की कुछ बूंदें धरती पर गिर पड़ीं. जहां-जहां अमृत की बूंदें गिरीं, वहीं-वहीं से लहसुन उत्पन्न हो गया.

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आयुर्वेद में लहसुन को ‘महाऔषधि’ कहा गया है. आयुर्वेद के प्रसिद्ध ग्रंथ ‘अष्टांगसंग्रह’ और ‘अष्टांगहृदयम्’ के रचयिता वाग्भट लहसुन के फायदे समझाते हुए बताते हैं कि ‘वायु रोग में लहसुन के समान कोई औषधि नहीं’. इन बातों से आप समझ सकते हैं कि लहसुन हमारे लिए कितना फायदेमंद हो सकता है.

लहसुन के पौधे

लहसुन के बीज नहीं होते. अगस्त से अक्टूबर के बीच इसकी कलियों को रोपकर बोआई की जाती है. लहसुन की फसल के लिए रेतीली या अच्छे निथार वाली जमीन ज्यादा अनुकूल मानी जाती है. लहसुन की खेती कितनी अच्‍छी होगी, ये सबसे ज्‍यादा मिट्टी पर ही निर्भर करता है. लहसुन के पौधे प्याज के पौधे की तरह ही एक से डेढ़ फीट ऊंचे होते हैं. लहसुन की दो किस्में होती हैं- सफेद और लाल. दोनों के ही गुण लगभग समान होते हैं. इनके अलावा, एक कली वाला लहसुन भी होता है, जो सबसे ज्यादा फायदेमंद और गुणकारी माना जाता है.

लहसुन के गुण और इस्तेमाल

लहसुन का स्वाद तीखा होता है और पकाने पर इसका स्वाद काफी हद तक बदल जाता है. इसका तीखा स्वाद इसमें पाए जाने वाले सल्फर की वजह से होता है. लहसुन में गंधक (Sulfur) बहुत मात्रा में पाया जाता है, इसीलिए इसका इस्तेमाल त्वचा रोगों (Skin Diseases) में भी किया जाता है. इसके अलावा इसमें प्रोटीन, एंजाइम, आयरन, कैल्शियम, खनिज पदार्थ, कार्बोज, फॉस्फोरस, सल्फ्यूरिक एसिड, विटामिन A, B, C, सैपोनिन आदि पदार्थ भी पाए जाते हैं. लहसुन में एलीसिन नाम का पदार्थ भी पाया जाता है, जो एंटी-बैक्टीरिया, एंटी-फंगल और एंटी-ऑक्सीडेंट के तौर पर काम करता है.

लहसुन का इस्तेमाल दाल में, सब्जी में या चटनी में किया जाता है. इसके अलावा औषधि के रूप में तो इसका इस्तेमाल होता ही है. लहसुन के पत्तों की भी सब्जी बनाई जाती है. लहसुन के इतने इस्तेमालों की वजह से ही इसकी खेती में बहुत फायदा है. ये उन्हीं फसलों में से है, जिसकी मांग भारत में हमेशा बनी रहती है. अगर सही ढंग से इसकी खेती की जाए, तो हर साल लाखों रुपए की आमदनी हो सकती है.

लहसुन के फायदे

लहसुन शरीर के सभी अंगों की शक्ति बढ़ाता है. यह शरीर के कई तरह के दर्द को खत्म करने के काम आता है, पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है और हृदय को ताकत देता है. यह सूजन को खत्म करने और मस्तिष्क को शक्ति देने वाला रसायन है.

लहसुन का इस्तेमाल अस्थमा, लकवा, खांसी, जोड़ों के दर्द और आंतों की कमजोरी को दूर करता है. यह मांस का क्षय होने से भी रोकता है. लहसुन का सेवन करते रहने से कई तरह के त्वचा रोगों में फायदा मिलता है और चेहरे के रंग में निखार आता है.

लहसुन वात, पित्त और कफ तीनों को ही दूर करने में सहायक है. साथ ही यह रोग-प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को भी बढ़ाता है. संक्रमण को रोकने में मदद करता है. महिलाओं के लिए भी लहसुन बहुत फायदेमंद माना जाता है.

लहसुन के इस्तेमाल से गले की समस्याएं दूर होती हैं और दांतों-हड्डियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. यह कफ की दुर्गंध को भी खत्म करता है.

हेल्थ केयर ऑफ फाउंडेशन ऑफ इंडिया की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, लहसुन में कोलेस्ट्रॉल कम करने और सिकुड़ी हुई धमनियों में खून का थक्का न जमने देने की अद्भुत क्षमता है. लहसुन की एक कली का रोजाना सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम करने में मदद मिलती है.

ताजे लहसुन का इस्तेमाल करने से कई तरह के फायदे मिलते हैं- जैसे खून का थक्का बनने से रोकने में मदद मिलती है, प्लेटलेट्स चिकनी हो जाती हैं, ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है, जिससे हृदय रोगों को कम करने में मदद मिलती है.

लहसुन पेट के कीड़ों और कब्ज को खत्म करने में काफी सहायक है. लहसुन के इस्तेमाल से पेट और आंतों के कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है. यह पाचन शक्ति को सुधारकर मल को बाहर करने में मदद करता है, जिससे कब्ज की समस्या खत्म हो जाती है.

लहसुन में कैल्शियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जिससे हड्डियों की कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं. इसी के साथ, यह दांतों और बालों की मजबूती के लिए बहुत फायदेमंद होता है.

वायु और कफ के मरीजों के लिए तो लहसुन बहुत ही फायदेमंद है. यह खून को साफ करता है और सूजन को कम करने में भी मदद करता है. यह हृदय रोगों को कम करके हृदय को ताकत देता है.

सर्दियों में लहसुन का इस्तेमाल त्वचा रोगों, फेफड़ों, हृदय रोगों, अस्थमा और हड्डियों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है. इसके इस्तेमाल से जमा हुआ कफ आसानी से बाहर आ जाता है.

अलग-अलग समस्याओं में लहसुन का इस्तेमाल-

दांत में दर्द होने पर लहसुन की कली छीलकर उसे दर्द वाली जगह पर रखकर दबाने से दांत दर्द में आराम मिलता है.

लहसुन की कलियों को पीसकर उसके रस में एलोवीरा जेल मिलाकर मुंहासों पर लगाने से आराम मिलता है.

लहसुन की कुछ कलियां छीलकर उसे सरसों के तेल में डालकर पका लें. लहसुन की कलियां न भी छीलें तो भी चलेगा. आप चाहें तो इस तेल में थोड़ी सी अजवाइन और मेथी के दाने भी डालकर उबाल सकते हैं. इस तेल को एक शीशी में भरकर रख लीजिए-

सर्दियों में किसी भी अंग में दर्द होने पर इस तेल की मालिश करने से दर्द में आराम मिलता है.
इस तेल से पैरों के तलवों की मालिश करने से सर्दी-जुकाम दूर होता है.
इस तेल की 2-2 बूंदें कान में डालने से कान का दर्द दूर होता है, मैल भी बाहर निकल आता है और अगर कान पक रहा हो तो उसमें भी फायदा मिलता है.

लहसुन की कलियों को जैतून के तेल में पकाकर छाती और पीठ पर इस तेल की मालिश करने से काली खांसी दूर हो जाती है.

लहसुन की कलियों को छीलकर उसे शुद्ध घी में पकाकर खाने के साथ सेवन करने से बारिश और सर्दियों में होने वाली कई समस्याएं दूर होती हैं. हड्डियों के लिए तो यह बहुत ही अच्छा माना जाता है. साथ ही यह बहुत स्वादिष्ट भी होता है.

अस्थमा के मरीजों या, जिन लोगों की सांस फूलती हो या, जिन्हें अक्सर सर्दी-जुकाम की समस्या बनी रहती हो, उन्हें सर्दियों में खाने के साथ किसी न किसी तरह लहसुन का इस्तेमाल करते रहना चाहिए. लहसुन को दाल या सब्जी या चटनी में मिलाकर इसका सेवन किया जा सकता है.

लहसुन में हरी मिर्च, हरा धनिया, अदरक और सेंधा नमक मिलाकर चटनी बनाकर खाने से पाचन तंत्र अच्छा होता है.

लहसुन की कलियों को पीसकर उस का रस कनपटी पर लगाने से आधासीसी तुरंत मिट जाता है.

लहसुन और काली मिर्च को पीसकर उसका लेप करने से गांठ, फोड़े-फुंसी आदि जल्दी ठीक हो जाते हैं.

किसी जहरीले जीव के काटने पर उसके डंक पर लहसुन को पीसकर लगाने से फायदा होता है.

मिर्गी के बेहोश मरीज को लहसुन पीसकर सुंघाने से मरीज होश में आ जाता है.

लहसुन को पीसकर नारियल तेल में मिलाकर गर्म करें और फिर गुनगुना होने पर इसे अपने स्कैल्प पर लगाएं और हल्के हाथों से मसाज करें. आधे या एक घंटे बाद बालों को शैम्पू कर लें. इससे बालों का टूटना या झड़ना कम होता है, साथ ही सिर के त्वचा की समस्याएं दूर होती हैं.

लहसुन के इस्तेमाल में सावधानियां

आयुर्वेद में लहसुन और दूध को विरुद्ध आहार माना गया है, इसलिए लहसुन और दूध का एक साथ सेवन न करें.

लहसुन की तासीर बहुत गर्म होती है, इसलिए गर्मियों में इसका इस्तेमाल कम ही किया जाना चाहिए. लहसुन का बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन करना जठराग्नि के लिए ठीक नहीं रहता.

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LLB (Bachelor of Law). Work experience in Mahendra Institute and National News Channel (TV9 Bharatvarsh and Network18). Interested in Research. Contact- sonagarwal00003@gmail.com

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