What is Lithium and its Uses
केंद्रीय खान मंत्रालय (Union Ministry of Mines) ने गुरुवार, 10 फरवरी को घोषणा की कि देश में पहली बार जम्मू और कश्मीर में लिथियम (Lithium) के भंडार पाए गए हैं. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (Geological Survey of India) ने जम्मू-कश्मीर में रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन अनुमानित लिथियम संसाधनों की खोज की है. इसका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric vehicles) के लिए जरूरी बैटरी बनाने के लिए किया जाता है.
केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों ने कहा कि यह खोज इलेक्ट्रिक कारों, स्मार्टफोन और लैपटॉप के लिए रिचार्जेबल बैटरी के निर्माण को बढ़ावा दे सकती है और लिथियम आयात (Lithium imports) पर भारत की निर्भरता को कम कर सकती है. वर्तमान में, भारत लिथियम, निकल और कोबाल्ट जैसे खनिजों (Minerals) के लिए पूरी तरह से आयात पर निर्भर है.
लिथियम क्या है (What is Lithium)?
लिथियम परमाणु संख्या 3 का एक रासायनिक तत्व है (Lithium is a chemical element), जिसका प्रतीक (Li) है. यह एक दुर्लभ धातु है और अत्यधिक प्रतिक्रियाशील और ज्वलनशील है.
साधारण परिस्थितियों में यह प्रकृति की सबसे हल्की धातु (नरम चांदी या सफेद धातु) और सबसे कम घनत्व-वाला ठोस पदार्थ (Lowest-density solid substance) है. इसमें बहुत कम घनत्व और कम चिपचिपाहट होती है. यह क्षार धातुओं में सबसे हल्का है.
अपने कम घनत्व के कारण लिथियम बहुत हलका होता है और धातु होने के बाद भी इसे आसानी से चाकू से काटा जा सकता है. रासायनिक दृष्टि से यह क्षार धातु (Alkali metal) समूह का सदस्य है और अन्य क्षार धातुओं की तरह बेहद अभिक्रियाशील (रियेक्टिव) है. यानी यह अन्य पदार्थों के साथ तेजी से रासायनिक अभिक्रिया कर लेता है.
जैसे यदि लिथियम को हवा में रखा जाए, तो यह जल्दी ही हवा में मौजूद ऑक्सीजन से अभिक्रिया करने लगता है, जो इसके जल्द ही आग पकड़ लेने में प्रकट होता है. इस कारण इसे तेल में डुबोकर रखा जाता है. तेल से निकालकर इसे काटे जाने पर यह चमकीला होता है, लेकिन जल्द ही भूरा-सा बनकर चमक खो देता है और फिर काला होने लगता है.
अपनी इस अधिक अभिक्रियाशीलता के कारण यह प्रकृति में शुद्ध रूप में कभी नहीं मिलता, बल्कि केवल अन्य तत्वों के साथ यौगिकों (Compounds) में ही पाया जाता है. यह ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर मोनोऑक्साइड और पेरोक्साइड बनाता है. धात्विक लिथियम पानी के साथ अत्यंत तीव्र प्रतिक्रिया करता है.
लिथियम के उपयोग (Use of Lithium)
लिथियम धातु का इस्तेमाल उपयोगी मिश्रित धातुओं को बनाने में किया जाता है, जैसे मोटर इंजनों में सफेद धातु की बियरिंग बनाने में, एल्युमीनियम के साथ विमान के पुर्जे बनाने और मैग्नीशियम के साथ आर्मपिट प्लेट बनाने में, थर्मोन्यूक्लियर अभिक्रियाओं में, विद्युत-रासायनिक सेल के निर्माण में. कार्बोनेट दवा में एंटीडिप्रेसेंट और मिट्टी के बर्तनों के उद्योग के रूप में उपयोग किया जाता है.
इलेक्ट्रिक वाहनों, लैपटॉप आदि के निर्माण में लिथियम एक महत्वपूर्ण घटक है. एक टन लिथियम से 90 इलेक्ट्रिक कारों की मांग की आपूर्ति की जा सकती है. उच्च-क्षमता वाली रिचार्जेबल बैटरी में उपयोग के कारण इसकी मांग बढ़ रही है, और इसी कारण लिथियम को नया ‘सफेद सोना’ (White Gold) भी कहा जाता है.
लिथियम का इस्तेमाल ज्यादातर सिरेमिक और कांच के बने पदार्थ, ग्रीस, औषधीय यौगिकों, एयर कंडीशनर और एल्यूमीनियम, अन्य चीजों के निर्माण में किया जाता है. इसकी प्रति किलोग्राम अधिकतम ऊर्जा भंडारण क्षमता (Energy storage capacity) के कारण, यह अपनी विशाल ऊर्जा भंडारण क्षमता और अविश्वसनीय रूप से कम वजन के कारण टेस्ला जैसे इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के लिए एक आदर्श विकल्प है.
लिथियम का सर्वाधिक भंडार- लिथियम के सर्वाधिक भंडारण वाले देश हैं- चिली, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना. Mint की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में 6.3 मिलियन टन लिथियम है, चीन 4.5 मिलियन टन हल्की धातु का स्रोत है. बोलिविया में 21 मिलियन टन, अर्जेंटीना में 17 मिलियन टन है.
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