खाने की चीजों में मिलावट! कैसे करें इस धोखाधड़ी की पहचान?

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Food Adulteration Checking (Khane me Milawat)

आहार ही औषधि है, लेकिन जब इसी आहार में मिलावट (Food Adulteration) हो जाए तो वह औषधि नहीं बल्कि जहर बन जाता है. आजकल खाने की चीजों में मिलावट एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है, जिसकी वजह से अच्छी से अच्छी और फायदेमंद चीज भी नुकसान देह हो गई हैं. हम इधर-उधर से न जाने कितनी ही चीजों के गुण और फायदे पढ़ते-सुनते रहते हैं, लेकिन मिलावट के चलते उनका असर वैसा नहीं होता, जैसा हमें जानने को मिलता है. मिलावट के कारण केवल स्वाद में ही नहीं, स्वास्थ्य में भी बड़ी गिरावट आई है.

कोशिश करें कि ज्यादा चमकदार सब्जी-फल या अनाज वगैरह न खरीदें. कोई भी फल-सब्जी खरीदकर लाने पर उन्हें कम से कम आधे-एक घंटे के लिए साफ पानी में डालकर रखें. आटा किसी बहुत विश्वसनीय दुकान या मिल से ही खरीदें, नहीं तो घर पर ही पीस लें या कहीं से पिसवा लें. मटर के दानों को बाजार से खरीदने की बजाय घर पर ही मटर के दानों को सुखाकर इस्तेमाल करें. कोई भी मिर्च-मसाले पिसे हुए न खरीदकर साबुत लें और फिर उन्हें घर पर खुद ही पीसकर इस्तेमाल करें. इससे काफी हद तक मिलावट से बचे रहेंगे.

इसी के साथ, आज हम यहां कुछ ऐसे टिप्स भी जानेंगे, जिससे हम अपने घर में आने वाली खाने की कुछ चीजों में मिलावट की जांच कर सकते हैं-

हींग (Asafoetida)

इसमें मिलावट की जांच पानी से कर सकते हैं. थोड़ी सी हींग को पानी में घोलकर देखिए, अगर वह पानी में घुल जाती है और पानी का रंग दूधिया हो जाता है तो इसका मतलब हींग शुद्ध है और अगर पानी का रंग दूधिया नहीं होता या हल्का पीला हो जाता है, तो इसका मतलब उसमें मिलावट की गई है. इसी के साथ, शुद्ध हींग को जलाने पर वह तेज लौ के साथ जलती है.

काली मिर्च (Black Pepper)

काली मिर्च के कुछ दानों को एक गिलास पानी में डालिए. जो दानें पानी में डूब जाएं, वे काली मिर्च हैं. जो दानें पानी में तैरने लगें, तो इसका मतलब वे पपीते या गुलमोहर के बीज हैं.

पिसी लाल मिर्च (Ground Red Pepper)

थोड़ी सी पिसी हुई लाल मिर्च को थोड़े पानी में डालें, अगर मिर्च पाउडर पानी में घुलने लगे और उसका बुरादा पानी के ऊपर तैरने लगे, तो हो सकता है कि मिर्च में लकड़ी का रंगा हुआ बुरादा मिलाया गया हो. अगर लाल मिर्च पाउडर को पानी में डालने पर पानी का रंग लाल हो जाए तो इसका मतलब उसमें मिलावट की गई है. अगर पाउडर नीचे तली में बैठ जाए तो इसका मतलब उसमें ईंट का चूर्ण मिलाया गया है.

हल्दी (Turmeric)

हल्दी हमारी रसोई का सबसे प्रमुख मसाला है और केवल मसाला ही नहीं, बल्कि बहुत ही महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी भी है जो कई तरह की बड़ी बीमारियों से बचा सकती है. लेकिन ऐसा तभी हो सकता है जब हल्दी शुद्ध और बिना मिलावट की हो.

हल्दी में मिलावट का पता लगाने के लिए थोड़ी सी पिसी हल्दी को एक गिलास पानी में घोलें. इस घोल में 1 मिलीलीटर आयोडीन भी डालें, अगर घोल का रंग नीला पड़ने लगे तो इसका मतलब हल्दी में मिलावट की गई है.

इसके अलावा, थोड़ा सा हल्दी पाउडर पानी में डालें, अगर पानी में लकड़ी के बुरादे तैरते हुए मिलें तो इसका मतलब हल्दी में मिलावट की गई है. इस पानी को छान लें और इस छने हुए घोल में थोड़ा सा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाएं. अगर कुछ बैंगनी सा रंग दिखाई दे और एक्स्ट्रा पानी डालने पर अगर यह रंग खत्म हो जाता है, तो इसका मतलब हल्दी शुद्ध है, लेकिन अगर एक्स्ट्रा पानी मिलाने पर भी लाल-बैंगनी सा रंग दिखाई देता रहे, तो इसका मतलब कि उस हल्दी में मेटानिल येलो की मिलावट की गई है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है और कैंसर तक का कारण बन सकती है.

जीरा (Cumin)

थोड़ा सा जीरा लेकर उसे अपनी हथेलियों के बीच रगड़ें, अगर आपके हाथ में कुछ रंग सा आने लगे तो इसका मतलब जीरे में मिलावट की गई है या जीरा नकली है.

थोड़े से पानी में एक चम्मच जीरा पाउडर मिलाएं और इसे कुछ देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें. अगर पाउडर पानी में तैरने लगे तो इसका मतलब उसमें मिलावट की गई है और अगर यह नीचे तली में जैम जाए तो इसे शुद्ध माना जा सकता है.

दालचीनी (Cinnamon)

दालचीनी में अमरूद की छाल मिला दी जाती है. इसका पता लगाने के लि‍ए दालचीनी को हाथ पर रगड़कर देखें, अगर इसका रंग नजर आए, तो इसका मतलब यह असली है, नहीं तो यह नकली है.

धनिया (Coriander)

धनिया पाउडर को पानी में डालने पर अगर यह पानी में तैरने लगे और कुछ दुर्गंध सी आने लगे, तो इसका मतलब कि इसमें गोबर मिलाया गया है.

थोड़े से पानी में धनिया पाउडर मिलाएं, इसके बाद इसमें सिल्वर नाइट्रेट की कुछ बूंदें मिलाएं. अगर मिश्रण सफेद हो जाए तो इसका मतलब कि इसमें नमक मिला हुआ है.

दूध (Milk)

दूध में केवल पानी की ही नहीं, यूरिया, वॉशिंग पाउडर, स्टार्च आदि की मिलावट भी की जा रही है. दूध में मिलावट की जांच के लिए लेक्टोमीटर का इस्तेमाल किया जाता है. अगर लेक्टोमीटर की रीडिंग 28 से 34 के बीच आए, तो दूध शुद्ध है, लेकिन 28 से कम रीडिंग आने का मतलब पानी मिलाया गया है.

बिना लेक्टोमीटर के दूध में पानी की मिलावट का पता लगाने के लिए किसी चिकनी सतह पर दूध की कुछ बूंदें गिराएं. अगर ये बूंदें बिना निशान छोड़े तेजी से आगे बह जाएं, तो मतलब दूध में पानी मिला हुआ है. वहीं, शुद्ध दूध धीरे-धीरे बहेगा और सफेद धब्बा छोड़ जाएगा.

लेकिन रीडिंग को बढ़ाने के लिए स्टार्च, शक्कर आदि की मिलावट की जा रही है. इसके लिए दूध में थोड़ा आयोडीन मिलाकर गर्म करें, अगर दूध का रंग नीला हो जाए तो इसका मतलब इसमें स्टार्च मिलाया गया है.

दूध में यूरिया की मिलावट का पता करने के लिए एक कांच के गिलास में 5 मिलीमीटर दूध में एल्कोहोल की 2 बूंद मिलाएं, अगर कुछ देर में दूध का रंग नीला हो जाता है, तो इसमें यूरिया मिलाया गया है.

दूध में डिटर्जेंट या वॉशिंग पाउडर की मिलावट का पता लगाने के लिए थोड़े से दूध को किसी कांच की शीशी या टेस्ट ट्यूब में लेकर जोर-जोर से हिलाएं. अगर इसमें झाग बनने लगे या झाग देर तक बना रहे, तो इसका मतलब कि इसमें डिटर्जेंट मिलाया गया है.

थोड़े से पानी में थोड़ा दूध मिलाकर उबाल लें और ठंडा करने के लिए रख दें. इसके बाद इसमें एक बूंद आयोडीन की मिलाएं. अगर दूध का रंग नीला होने लगे तो इसका मतलब कि इसमें स्टार्च या वॉशिंग पाउडर मिलाया गया है.

आईसक्रीम (Ice crem)

बाजार की आईसक्रीम का जितना कम से कम लुफ्त उठा सकें, उतना ही अच्छा है. आईसक्रीम में मिलावट की जांच करने के लिए उसमें नींबू की कुछ बूंदें डालें, अगर बुलबुले बनते हैं तो इसका मतलब कि इसमें वॉशिंग पाउडर मिलाया गया है.

चीनी (Sugar)

थोड़ी-सी चीनी को अपनी हथेलियों पर रगड़कर देखें. अगर रगड़ने पर वह चूरा हो जाती है तो इसका मतलब कि वह सल्फर है. इसमें मिठास कुछ कम होती है और एक अलग सी गंध आती है. बिना मिलावट की चीनी को हाथ पर रगड़ने पर उसका चूरा नहीं बन जाता.

शहद (Honey)
शहद हमारे शरीर की सभी जरूरतों को पूरा कर सकता है, लेकिन अगर वह असली हो तो. आजकल किसी भी कंपनी का शहद ले लें, उन सभी में कोई ना कोई मिलावट जरूर की जाती है और इसका पता लगाना भी काफी मुश्किल होता है. शहद में मिलावट का पता लगाने के लिए उसे एक सलाई में लगाकर जलाएं. अगर शहद शुद्ध होगा तो वह आसानी से जल जाएगा, मिलावटी शहद आसानी से नहीं जलेगा. इसके अलावा शहद सर्दियों में जमता नहीं, लेकिन मिलावटी शहद की चीनी नीचे जमने लगती है.

शुद्ध घी (Ghee)

आज बाजार में शायद ही कोई शुद्ध घी शुद्ध मिलता होगा. आजकल घी और आटे में बेहद मिलावट की जा रही है. एक चम्मच पिघले हुए घी में एक चम्मच हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाएं. इसके बाद इसमें दो चम्मच चीनी मिलाएं. अगर 2 सतहों पर कोई रंग ना दिखाई दे तो आप घी को बिना मिलावट का मान सकते हैं. लेकिन अगर निचली सतह लाल-भूरी रंग की हो जाए तो इसका मतलब उसमें वनस्पति घी मिलाया गया है. इसके अलावा, एक चम्मच पिघले हुए घी या मक्खन में कुछ बूंदे आयोडीन की डालें. अगर बैंगनी रंग सा दिखाई दे तो इसका मतलब उस घी या मक्खन में स्टार्च मिलाया गया है.

सरसों के बीज (Mustard Seeds) 

सरसों के बीजों (Mustard seeds) या राई को दबाकर देखने पर पीला पदार्थ निकलता है, जबकि अर्जेमोने के बीजों को दबाने पर सफेद.

सरसों के तेल में मिलावट के तौर पर ज्यादातर आर्गेमोन ऑयल मिलाया जाता है. इसका पता लगाने के लिए एक कांच के गिलास में थोड़ा सा सरसों का तेल लें और इसमें नाइट्रिक एसिड की कुछ बूंदें मिलाएं. मिश्रण को हिलाएं और फिर इसे तीन मिनट के लिए गर्म करें. अगर इस मिश्रण का रंग लाल हो जाए तो इसका मतलब कि सरसों का तेल शुद्ध नहीं है और इसमें आर्गेमोन ऑयल की मिलावट की गई है.

नकली चावल (Imitation Rice)

बाजारों में बिकने वाले चावलों में नकली या प्लास्टिक के चावल इस तरह मिलाए जाते हैं कि इनके रंग- रूप, आकार और स्वाद में तक फर्क कर पाना बहुत मुश्किल है. इस नकली चावल को खाने से पेट की बीमारियों समेत कैंसर जैसी भयानक बीमारी तक का खतरा है.

अगर चावल पकाते समय कुछ अलग सी गंध आए तो सावधान हो जाइए. असली चावल की तुलना में नकली चावल ज्यादा चमकदार, साफ-सुथरे और कम वजनदार होते हैं. नकली चावल देर से पकते हैं. नकली चावल को पकाने के बाद उसके बचे हुए पानी यानी मांड पर सफेद रंग की परत जमा हो जाती है. इस मांड को कुछ देर तक धूप में रखने पर यह प्लास्टिक बन जाता है, जिसे जलाया भी जा सकता है.

नकली चावल को आग में डालने पर उनमें से प्लास्टिक के जलने जैसी गंध आएगी. वहीं, खाने वाले गर्म तेल में नकली चावल डालने वे पिघलने लगते हैं. प्लास्टिक चावल को चबाने पर वह खिंचता सा है.

चाय (Tea)

आज चाय की पत्ती में भी इतनी मिलावट की जा रही है जिसका पता लगाना भी मुश्किल होता है. एक सफेद कागज को थोड़ा गीला करके उस पर कुछ चाय की पत्तियां डालें. अगर चाय की पत्तियां कागज पर अपना रंग छोड़ देती है, तो इसका मतलब कि इस्तेमाल की गई चाय को दोबारा रंग दिया गया है, क्योंकि असली चाय की पत्ती को ठंडे पानी में डालने पर वह अपना रंग नहीं छोड़ती.

वहीं, अगर चाय की पत्ती में लकड़ी का बुरादा मिलाया गया होगा तो चाय की पत्ती को पानी में डालते ही वह बुरादा तैरने लगेगा. चाय की पत्ती पर ऊपर से चुंबक फिराने से लोहे के मिलावटी तत्वों का पता लगाया जा सकता है. एक और उपाय- कांच या चीनी मिट्टी के बर्तन में नींबू का रस डाल दें और इस पर कुछ चाय पत्ती डालकर देखें, अगर रंग हरा-पीला दिखाई दे तो इसका मतलब कि चाय में मिलावट नहीं है, लेकिन नारंगी या कोई और रंग आने का मतलब मिलावट की गई है.

कॉफी (Coffee)

थोड़ी सी कॉपी को पानी में डालें, अगर वह कुछ देर तक तैरती रहे तो इसका मतलब कॉफी शुद्ध है, लेकिन अगर वह तुरंत नीचे सतह पर बैठ जाए तो इसका मतलब उसमें भुना-पिसा हुआ गेहूं या इमली के बीज का चूर्ण मिलाया गया है.

इसके अलावा शुद्ध कॉफी पाउडर को पानी में मिलाने पर वह जल्दी ही पानी में घुल जाती है, लेकिन मिलावटी कॉफी तलहटी में कुछ जम सी जाती है.

केसर (Saffron)

अगर केसर शुद्ध है तो वह आसानी से टूटता नहीं, जबकि अगर उसमें मिलावट की गई है तो उसे टूटते देर नहीं लगती. इसके अलावा, शुद्ध केसर को पानी में डालने पर वह जल्द ही उसमें घुल जाता है, जबकि अगर केसर में मक्के की बालों को रंगकर मिलाया गया होगा, तो केसर को पानी में डालते ही वह तैरने लगेगा और पानी भी रंगीन हो जाएगा. जबकि शुद्ध केसर को पानी में घंटों तक डालने पर भी वह अपना रंग नहीं छोड़ता.

मटर (Peas)

हरे मटर के दानों को बहुत हरा दिखाने के लिए इसमें मेलाकाइट ग्रीन की मिलावट की जाती है, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इसकी पहचान के लिए मटर के दानों को कुछ समय तक पानी में डालकर रखें, अगर पानी का रंग हरा होने लगे, तो इसका मतलब कि मटर के दानों को रंगा गया है.

इसके आलावा, हरी सब्जियों जैसे- मटर, हरी मिर्च आदि में मिलावट का पता लगाने के लिए एक कॉटन के सफेद कपड़े को पानी से गीला करें. अब इस कपड़े पर किसी हरी सब्जी को रगड़कर देखें. अगर कपड़े में हरा रंग आने लगे, तो इसका मतलब उस सब्जी में मैलाकाइट ग्रीन मिलाया गया है.

Written By : Nancy Garg

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