What is Time : समय क्या है? समय आगे क्यों बढ़ता है?

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Time

What is Time in Physics

समय या टाइम (Time) का विचार वह वस्तु है जिसके चारों ओर हमारा जीवन लिपटा हुआ है. हम समय को ध्यान में रखकर, समय का पालन करके और समय को बताकर-बिताकर जीते हैं. समय का विचार जीवन के हर पहलू को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है. इस समय को हम वर्तमान और भूतकाल दोनों काल के संबंध में समझते हैं. भौतिकी में, गति और बलों (Motion and Forces) को मापने में समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

समय अस्तित्व और घटनाओं का निरंतर क्रम है. पूरे इतिहास में समय (टाइम) धर्म, दर्शन और विज्ञान में अध्ययन का एक महत्वपूर्ण विषय रहा है. प्रत्येक दिन और मानव जीवनकाल में सीमित समय के बारे में जागरूकता के कारण, समय का सामाजिक महत्व भी है. इसका आर्थिक मूल्य (‘समय ही पैसा है’) भी है, साथ ही व्यक्तिगत मूल्य भी है.

समय हमारे चारों ओर है और यह इस बात का आधार है कि हम पृथ्वी पर जीवन को कैसे रिकॉर्ड करते हैं. सभ्यताएँ जन्म लेती, आगे बढ़ती और खत्म हो जाती हैं. सितारे पैदा होते हैं और खत्म हो जाते हैं, और उन क्षणों का वर्तमान से क्या संबंध है, इस पर नजर रखने की हमारी पद्धति अपरिवर्तित रहती है, लेकिन समय न तो उतना स्थिर है और न ही इतना सरल, जितना लगता है. समय बहुत ही जटिल विषय है.

समय हमारे परिवेश में बिना रुके, निरंतर परिवर्तन की एक माप है. समय घटित होने वाली घटनाओं का निरंतर क्रम है. भूत, वर्तमान और भविष्य (Past, Present and Future). समय की मूल इकाई (Basic unit or SI unit) सेकेंड है. इसमें मिनट, घंटे, दिन, सप्ताह, महीने और वर्ष भी हैं. हम घड़ियों का उपयोग करके समय को माप सकते हैं.

समय को उस आयाम (Dimension) के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसके आधार पर किसी भी सिस्टम का विकास होता है. इसे सेकंड, मिनट, घंटे, दिन, सप्ताह, महीने और वर्षों के रूप में मापा जा सकता है. यह मापने योग्य अवधि है जिसके दौरान कोई क्रिया, प्रक्रिया या स्थिति मौजूद होती है या जारी रहती है.

समय चौथा आयाम है (Time is the fourth dimension)

लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई (Length, Width, and Height) अंतरिक्ष के तीन प्रारंभिक आयाम हैं. अल्बर्ट आइंस्टीन के अनुसार, आपको न केवल त्रि-आयामी अंतरिक्ष (Three-dimensional space) यानी लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई में, बल्कि समय (टाइम) में भी यह वर्णन करने की आवश्यकता होती है कि आप कहां हैं. इसलिए समय को वास्तविकता का चौथा आयाम (Fourth Dimension of Reality) कहा जाता है, जिसका उपयोग त्रि-आयामी अंतरिक्ष में घटनाओं का वर्णन करने के लिए किया जाता है.

समय का आयाम है- [M0 L0 T1].
(M = Mass · L = Length · T = Time).

समय को ‘t’ से दर्शाया जाता है. यह एक अदिश राशि (Scalar Quantity) है.

सदिश राशि क्या है- जिस भौतिक राशि में मात्रा (परिमाण) और दिशा, दोनों ही निहित होते हैं, उन्हें सदिश राशि कहते हैं, जैसे- वेग, बल, संवेग, विस्थापन, रेखीय संवेग, कोणीय वेग, कोणीय संवेग, चुम्बकीय आघूर्ण, प्रवणता आदि.

अदिश राशि क्या है- जिन राशियों में सिर्फ परिमाण होता है, उन्हें अदिश राशि कहते हैं, जैसे- चाल, दूरी, द्रव्यमान, आयतन, समय, ताप, कार्य दाब आदि.

निम्नलिखित तालिका में समय को सेकंड के रूप में व्यक्त किया गया है-

1 मिनट = 60 सेकंड
1 घंटा = 60 मिनट = 3600 सेकंड
1 दिन (24 घंटे) = 86,400 सेकंड.

समय सापेक्ष है (Time is Relative)

गति समय को प्रभावित करती है (Speed affects Time). समय मापने के लिए अनेक प्रकार के उपकरणों का आविष्कार किया गया है. इन उपकरणों के अध्ययन को Horology कहा जाता है. सभी घड़ियाँ समय मापती हैं, चाहे वह पेंडुलम हो या हाथ की घड़ी. यह समय गति या परिवर्तन, सूर्यास्त, सूर्योदय, सर्दी, गर्मी आदि से स्पष्ट होता है. समय (टाइम) निरंतर गतिमान संसार का वर्णन करना आसान बना देता है.

समय सापेक्ष है, निरपेक्ष नहीं (Time is Relative, not Absolute). आइंस्टीन का सापेक्षता का सिद्धांत (Theory of Relativity) कहता है कि पर्यवेक्षक (Observer) के अनुसार समय धीमा और तेज हो जाता है. अलग-अलग पर्यवेक्षकों के लिए समय (टाइम) अलग-अलग होता है, यानी हर कोई अपनी गति के आधार पर समय को अपने अनुसार मापता है. समय के प्रवाह की दर इस बात पर निर्भर करती है कि आप कहां हैं और आप कितनी तेजी से यात्रा कर रहे हैं. आप प्रकाश की गति के जितना करीब पहुंचेंगे, आपको समय और दूरी का उतना ही कम अनुभव होगा.

वर्ष 1905 में, अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) ने दावा किया कि प्रकाश की गति बदलती नहीं है, बल्कि स्थिर है. प्रकाश निर्वात में 1,86,000 मील या 3,00,000 किलोमीटर प्रति सेकेण्ड की गति से यात्रा करता है. आइंस्टीन के अनुसार- (1) स्थान और समय जुड़े हुए हैं, (2) आप अंतरिक्ष में जितनी तेजी से चलते हैं, समय में उतनी ही धीमी गति से चलते हैं.

पृथ्वी पर मौजूद व्यक्ति देखेगा कि तेज गति से चलने वाले अंतरिक्ष यान (Spacecraft) की घड़ी पृथ्वी पर मौजूद घड़ियों की तुलना में धीमी गति से चल रही है. लेकिन अंतरिक्ष यान में बैठे अंतरिक्ष यात्रियों को कुछ भी असामान्य नजर नहीं आएगा, और वे देखेंगे कि उनकी घड़ियाँ सामान्य रूप से चल रही हैं.

गुरुत्वाकर्षण (Gravity) के कारण होने वाली गति वास्तव में space-time के उतार-चढ़ाव के साथ होने वाली गति है. आइंस्टीन ने माना कि समय (टाइम) एक नदी की तरह है, जो गुरुत्वाकर्षण और space-time के प्रभाव के आधार पर बहती है. अलग-अलग द्रव्यमानों और वेगों के साथ ब्रह्माण्ड के अलग-अलग पिण्डों (Objects) के आसपास समय तेज और धीमा हो जाता है, और इसलिए पृथ्वी का एक सेकंड ब्रह्मांड में हर जगह समय की समान लंबाई नहीं है. पूरे ब्रह्मांड में समय में उतार-चढ़ाव होता रहता है.

समय केवल आगे बढ़ता है. अब तक इस बात का कोई भौतिक प्रमाण नहीं है कि ब्रह्मांड में कोई भी वस्तु समय को चकमा देकर न तो पीछे की ओर जा सकती है और न ही आगे की ओर छलांग लगा सकती है. और वैज्ञानिक पूरी तरह से निश्चित नहीं हैं कि समय केवल आगे ही क्यों बढ़ता है, बस अभी उनके उनके पास कई सिद्धांत हैं.

विज्ञान का एक अन्य सिद्धांत यह बताता है कि ब्रह्माण्ड का विस्तार (Expansion of universe) ही समय बीतने का या समय के आगे बढ़ने का कारण है. जैसे-जैसे ब्रह्मांड का विस्तार होता है, यह समय को अपने साथ खींचता है क्योंकि अंतरिक्ष और समय (Space and Time) एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. लेकिन इसका अर्थ क्या यह है कि यदि ब्रह्मांड विस्तार की सैद्धांतिक सीमा तक पहुंच जाए और फिर सिकुड़ना शुरू कर दे, तो समय उलट जाएगा? क्या समय सचमुच पीछे की ओर जा सकता है, और क्या हर चीज पीछे के युग में वापस आ जाएगी और एक ‘बड़े संकट’ के साथ समाप्त होगी?


एक सेकंड कितना लंबा होता है (How long is a second)?

समय मापने के दो मुख्य तरीके हैं- गतिशील और परमाणु समय (Dynamic and Atomic Time). समय का ध्यान रखने के लिए पृथ्वी सहित आकाशीय पिंडों की गति की सहायता ली जाती है, चाहे वह पल्सर (Pulsar) जैसे दूर घूमने वाले तारे का घूर्णन समय हो, हमारे रात के आकाश में किसी तारे की गति हो या पृथ्वी का घूर्णन हो. हालाँकि घूमते तारे के बावजूद, ये तरीके हमेशा पूरी तरह से सटीक नहीं होते हैं.

सेकंड की पुरानी परिभाषा पृथ्वी के घूर्णन पर आधारित थी. चूँकि सूर्य को पूर्व में उगने, पश्चिम में अस्त होने और फिर से उगने में एक दिन लगता है, इसलिए एक दिन को लगभग 24 घंटे, एक घंटे को 60 मिनट और एक मिनट को 60 सेकंड में विभाजित किया गया. हालाँकि, पृथ्वी समान रूप से नहीं घूमती है.

ज्वारीय घर्षण (Tidal Friction) जैसे कारकों के कारण हर 10,000 वर्षों में पृथ्वी का घूर्णन लगभग 30 सेकंड की दर से घट जाता है. वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के घूमने की बदलती गति को ध्यान में रखने के तरीके तैयार किए हैं, जिसमें लीप सेकंड की शुरुआत की गई, लेकिन सबसे सटीक समय के लिए आपको इससे भी कम समय लेना होगा.

परमाणु समय (Atomic Time) एक निश्चित तत्व, आमतौर पर सीज़ियम (Cesium) के परमाणु के भीतर ऊर्जा ट्रांजिशन (Energy Transition) पर निर्भर करता है. इन ट्रांजिशन की संख्या का इस्तेमाल करके एक सेकंड को परिभाषित करके, समय को दस लाख वर्षों में एक सेकंड के एक छोटे से हिस्से को खोने की सटीकता से मापा जा सकता है. साइंटिफिक अमेरिकन की रिपोर्ट के अनुसार, अब एक सेकंड की परिभाषा को सीज़ियम परमाणु के भीतर 9192631770 ट्रांजिशन के रूप में परिभाषित किया गया है.

सेकेंड क्या है (what is a second)

1 सेकंड को उस समय के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें सीजियम-133 (Cesium-133) परमाणु द्वारा उत्सर्जित एक विशेष तरंगदैर्घ्य वाले विकिरण (प्रकाश विकिरण) के 9,19,26,31,770 कंपन होते हैं. यह एक सेकंड का मानक माप (Standard Measurement) है. इसे सीजियम क्लॉक (Cesium Clock) भी कहा जाता है.

“1 second is equal to the time in which the electrons in a cesium atom jump 9,19,26,31,770 times between different energy states when radio waves are used on cesium atoms.”

एटॉमिक क्लॉक (परमाणु घड़ी) पर आधारित सेकेंड की फिलहाल यही सर्वमान्य परिभाषा है, जिसका पालन दुनिया का हर देश वर्तमान में करता है, क्योंकि विश्व को समय की एक सर्वमान्य परिभाषा की आवश्यकता होती है.

परमाणु घड़ियाँ (Atomic Clocks) पृथ्वी पर समय का सबसे सटीक ट्रैक देती हैं. पृथ्वी के चारों ओर की कक्षा में संपूर्ण जीपीएस प्रणाली (GPS System) स्थिति को सटीक रूप से ट्रैक करने और ग्रह पर डेटा रिले करने के लिए परमाणु घड़ियों का उपयोग करती है. संपूर्ण वैज्ञानिक केंद्र आमतौर पर सीज़ियम परमाणु के भीतर ट्रांजिशन को मापकर समय की सबसे सटीक माप की गणना करने के लिए स्थापित किए जाते हैं.

अधिकतर परमाणु घड़ियाँ चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Fields) पर निर्भर करती हैं, आधुनिक घड़ियाँ सीज़ियम परमाणुओं के भीतर एनर्जी ट्रांजिशन को ट्रैक करने और पता लगाने और समय का अधिक निश्चित माप रखने के लिए लेजर का इस्तेमाल कर रही हैं.

सीज़ियम क्या है (What is cesium)?

सीज़ियम (Caesium) एक रासायनिक तत्त्व है, जिसे Cs चिह्न के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है. इसका परमाणु क्रमांक 55 है. यह नरम और सोने-चाँदी जैसा दिखने वाला क्षार धातु (Alkali metal) है. सीजियम का गलनांक 28.4 डिग्री सेल्सियस (83.1 डिग्री फॉरेनहाइट) पर है, जो कमरे के तापमान से सीधे ऊपर है. यह एक बहुत ही दुर्लभ तत्व है और अनुमान है कि पृथ्वी की पपड़ी में प्रति मिलियन केवल 3 भाग ही उपलब्ध हैं. यह पोलुसाइट और लेपिडोलाइट जैसे खनिजों में पाया जाता है.

सीजियम फॉर्मेट-आधारित ड्रिलिंग तरल पदार्थ बड़े पैमाने पर निष्कर्षण तेल उद्योग (Extraction oil industry) में उपयोग किए जाते हैं. इसका उपयोग थर्मिओनिक जनरेटर में किया जाता है जो ऊष्मा ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है. चूंकि सीजियम का घनत्व बहुत अधिक है, इसलिए सीजियम क्लोराइड, सीजियम सल्फेट का आणविक जीव विज्ञान में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है.

सीजियम का उपयोग ऑप्टिकल ग्लास और अन्य ऑप्टिकल उपकरणों के निर्माण में किया जाता है. इसका उपयोग प्रकाश बल्बों और वैक्यूम ट्यूबों से ऑक्सीजन निकालने के लिए किया जाता है. सीजियम का उपयोग सबसे सटीक परमाणु घड़ी के निर्माण में किया जाता है. पृथ्वी का 1 सेकंड सीजियम घड़ी की 9,19,26,31,770 अवधि के बराबर है.

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