Saturn Largest Moon Titan
शनि ग्रह (Saturn) का सबसे बड़ा चंद्रमा (उपग्रह) टाइटन (Titan) सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा चंद्रमा है. इसका आकार पृथ्वी के चंद्रमा और बुध ग्रह से भी बड़ा है. सौरमंडल का सबसे बड़ा उपग्रह बृहस्पति (Jupiter) का चंद्रमा गैनीमेडे (Ganymede) है, जो कि टाइटन से लगभग 2 प्रतिशत ज्यादा बड़ा है.
टाइटन एक बर्फीली दुनिया है जिसकी सतह सुनहरे धुंधले वातावरण से पूरी तरह ढकी हुई है. यह एक बर्फीला चंद्रमा है जिसकी सतह चट्टान जैसी सख्त पानी की बर्फ की बनी है, लेकिन टाइटन की सतह के नीचे एक तरल जल महासागर होने की भी संभावना है. टाइटन के पास शनि की तरह कोई वलय (Rings) नहीं है.
टाइटन का आकार और सूर्य से दूरी
टाइटन की माध्य त्रिज्या (Mean Radius) लगभग 1,600 मील (2,575 किलोमीटर) है और पृथ्वी के चंद्रमा से लगभग 50 प्रतिशत ज्यादा चौड़ा है. टाइटन की शनि से दूरी लगभग 7,59,000 मील (1.2 मिलियन किलोमीटर) है. सूर्य से प्रकाश को टाइटन तक पहुंचने में लगभग 80 मिनट लगते हैं. दूरी के कारण शनि और टाइटन पर सूर्य का प्रकाश पृथ्वी की तुलना में लगभग 100 गुना कम है.
टाइटन का एक ही पक्ष हमेशा शनि के सामने रहता है, इसलिए टाइटन को शनि की परिक्रमा करने और अपनी धुरी पर एक चक्कर लगाने में 16 दिन लगते हैं (टाइटन हर 15 दिन 22 घंटे में एक बार शनि की परिक्रमा करता है. पृथ्वी के चंद्रमा और विशाल ग्रहों के कई उपग्रहों की तरह, इसकी घूर्णन अवधि (इसका दिन) इसकी कक्षीय अवधि के समान है).
टाइटन का वातावरण
हमारे सौरमंडल (Solar System) के अब तक 150 से अधिक ज्ञात उपग्रहों में, टाइटन एकमात्र ऐसा चंद्रमा है जिसे पर्याप्त वातावरण के लिए जाना जाता है. टाइटन का वातावरण पृथ्वी की तरह ज्यादातर नाइट्रोजन से बना है (और लगभग 5 प्रतिशत मीथेन भी है), लेकिन सतह के दबाव के साथ पृथ्वी की तुलना में 50 प्रतिशत ज्यादा है. टाइटन की सतह पर तापमान -290 डिग्री फॉरेनफाइट (-179 सेल्सियस) के आसपास है.
टाइटन के वातावरण में जो मीथेन है, वह इसके जटिल वायुमंडलीय रसायन विज्ञान को संभव बनाता है, लेकिन टाइटन पर मीथेन आती कहां से है, यह एक रहस्य है. क्योंकि सूरज की रोशनी टाइटन के वातावरण में लगातार मीथेन को तोड़ती है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि कोई सोर्स इसे फिर से भर रहा होगा या समय के साथ यह समाप्त हो जाएगी.
सौरमंडल के अब तक सभी ज्ञात स्थानों में, पृथ्वी के अलावा टाइटन एकमात्र ऐसा स्थान है, जिसकी सतह पर नदियों, झीलों और समुद्रों के रूप में तरल पदार्थ पाए जाते हैं. यहां मीथेन और ईथेन जैसे तरल हाइड्रोकार्बन के बादल, बारिश, नदियाँ, झीलें और समुद्र होने की संभावना है. सबसे बड़े समुद्र सैकड़ों फीट गहरे और सैकड़ों मील चौड़े हैं.
टाइटन पर बारिश
खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक, टाइटन सौरमंडल का एकमात्र ऐसा अन्य स्थान है जहां पृथ्वी की तरह ही बादलों से बरसने वाले तरल पदार्थों का एक चक्र है. टाइटन का घना वातावरण और उसी के साथ पृथ्वी के चंद्रमा के बराबर इसका गुरुत्वाकर्षण, का अर्थ है कि टाइटन के आकाश से गिरने वाली बारिश की बूंद पृथ्वी की तुलना में ज्यादा धीमी गति से गिरेगी.
पृथ्वी पर बारिश की बूंदें लगभग 20 मील प्रति घंटे (9.2 मीटर प्रति सेकंड) की स्पीड से गिरती हैं, और वैज्ञानिकों ने गणना की है कि टाइटन पर बारिश की बूंदें लगभग 3.5 मील प्रति घंटे (1.6 मीटर प्रति सेकंड) या पृथ्वी की बारिश की तुलना में लगभग छह गुना धीमी स्पीड से गिरती हैं.
टाइटन की बारिश की बूंदों का आकार भी काफी बड़ा हो सकता है. पृथ्वी की वर्षाबूंदों का अधिकतम व्यास लगभग 0.25 इंच (6.5 मिलीमीटर) है, जबकि टाइटन पर वर्षाबूंदों का व्यास 0.37 इंच (9.5 मिलीमीटर) या पृथ्वी की वर्षाबूंदों से लगभग 50 प्रतिशत बड़ा हो सकता है.
क्या टाइटन पर जीवन संभव है?
टाइटन की हवा इतनी घनी है कि आप बिना स्पेससूट के घूम सकते हैं. लेकिन आपको ऑक्सीजन मास्क और कड़ाके की ठंड से सुरक्षा की आवश्यकता होगी.टाइटन की सतह पर वायुमंडलीय दबाव पृथ्वी की तुलना में लगभग 60 प्रतिशत अधिक है.
टाइटन का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के चंद्रमा के बराबर है (यानी पृथ्वी से कम है), जिस वजह से टाइटन का वायुमंडल पृथ्वी की तुलना में 10 गुना अधिक ऊंचाई तक फैला हुआ है, अंतरिक्ष में लगभग 370 मील (600 किलोमीटर).
टाइटन के भूमध्यरेखीय क्षेत्रों के आसपास गहरे टीलों के विशाल क्षेत्र फैले हुए हैं. टाइटन की नदियाँ, झीलें, तरल मीथेन और ईथेन के समुद्र यहां की सतह पर रहने योग्य वातावरण के रूप में काम कर सकते हैं.
इस प्रकार, टाइटन संभावित रूप से जीवन के लिए उपयुक्त परिस्थितियों के साथ पर्यावरण को आश्रय दे सकता है. हालांकि अभी तक टाइटन पर जीवन के कोई सबूत नहीं हैं, लेकिन इसकी जटिल रसायन शास्त्र (Complex Chemistry) और अद्वितीय वातावरण इसे वैज्ञानिकों के अध्ययन के लिए दिलचस्प जरूर बनाता है.
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जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने ली टाइटन की तस्वीरें
(Titan Images by James Webb Space Telescope)
शनिवार, 5 नवंबर की सुबह ग्रहों के वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम टाइटन की पहली वेब तस्वीरों को देखकर बहुत खुश हुई. टाइटन की तस्वीरें जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कॉप के NIRCam उपकरण द्वारा 4 नवंबर, 2022 को ली गई थीं. टीम ने कहा, “टाइटन का वातावरण अविश्वसनीय रूप से दिलचस्प है, न केवल इसके मीथेन बादलों और तूफानों के कारण, बल्कि यह हमें टाइटन के अतीत और भविष्य के बारे में बता सकता है.
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के नियर-इन्फ्रारेड कैमरा (NIRCam) द्वारा खींची गई अलग-अलग तस्वीरों की तुलना करके जल्द ही पुष्टि की गई कि टाइटन के उत्तरी गोलार्ध में दिखाई देने वाला एक चमकीला स्थान वास्तव में एक बड़ा बादल है. थोड़ी देर बाद दूसरा बादल दिखाई दिया.
टीम ने कहा, “यह पता लगाना महत्वपूर्ण था कि क्या बादल हिल रहे थे या आकार बदल रहे थे, जिससे टाइटन के वातावरण में हवा के प्रवाह के बारे में जानकारी मिल सकती है.” बादलों का पता लगाना रोमांचक है क्योंकि यह टाइटन की जलवायु के बारे में कंप्यूटर मॉडल से लंबे समय से चली आ रही भविष्यवाणियों को मान्य करता है, कि मध्य-उत्तरी गोलार्द्ध में गर्मियों के अंत में जब सतह सूर्य से गर्म होती है तो बादल आसानी से बन जाते हैं.”
टीम ने कहा, “हम मई या जून 2023 में NIRCam और NIRSpec से टाइटन डेटा के साथ-साथ वेब के मिड-इन्फ्रारेड इंस्ट्रूमेंट (MIRI) से हमारे पहले डेटा की उम्मीद कर रहे हैं. MIRI डेटा टाइटन के स्पेक्ट्रम के एक बड़े हिस्से को प्रकट करेगा, जिसमें कुछ तरंग दैर्ध्य (Wavelengths) भी शामिल हैं जिन्हें हमने पहले कभी नहीं देखा है. यह हमें टाइटन के वातावरण में जटिल गैसों के बारे में जानकारी देगा, साथ ही यह समझने के लिए महत्वपूर्ण सुराग देगा कि टाइटन घने वातावरण वाला सौर मंडल का एकमात्र चंद्रमा क्यों है.”
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