Ganga Expressway in Uttar Pradesh
18 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शाहजहांपुर (Shahjahanpur) में उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे गंगा एक्सप्रेस-वे (Ganga Expressway) का शिलान्यास किया. मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाला यह एक्सप्रेस-वे 12 जिलों (मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज) से होकर गुजरेगा. इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई 594 किलोमीटर और चौड़ाई 120 मीटर होगी. पर्यावरण संरक्षण के लिए एक्सप्रेस-वे के दोनों किनारों पर 1,85,500 पौधे लगाए जाएंगे.
7,401.49 हेक्टेयर जमीन का इस्तेमाल
गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण एडवांस टेक्नोलॉजी से किया जाएगा. यह एक्सप्रेस-वे मेरठ-बुलंदशहर मार्ग NH-334 पर मेरठ के बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज के जूड़ापुर दांदू गांव (सोरांव) के पास नेशनल हाईवे-19 से जुड़ेगा.
इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण चार चरणों में किया जाएगा- मेरठ से अमरोहा तक 129.700 किलोमीटर (IRB इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स), बदायूं से हरदोई 151.70 किलोमीटर (अडानी इंटरप्राइजेज), हरदोई से उन्नाव 155.700 किलोमीटर (अडानी इंटरप्राइजेज) और उन्नाव से प्रयागराज, 156.947 किलोमीटर (अडानी इंटरप्राइजेज).
इसके लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Industrial Development Authority–UPEDA) ने जमीन का बैनामा कराने की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है. सभी जिलों में जमीन का अधिग्रहण कर डेवलपर कंपनी का भी चुनाव किया जा चुका है.
इस एक्सप्रेस-वे के लिए अभी तक करीब 94 फीसदी जमीन खरीदी जा चुकी है. इस एक्सप्रेस-वे के लिए 7,401.49 हेक्टेयर जमीन का इस्तेमाल किया जाएगा. 6,614.14 हेक्टेयर जमीन किसानों से खरीदी जा रही है और 496.98 हेक्टेयर जमीन खरीदना अभी बाकी है.
करीब 36,200 करोड़ रुपए की लागत और…
♦ गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर करीब 36,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत आएगी. इस एक्सप्रेस-वे को साल 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इस एक्सप्रेस-वे में 6 लेन बनाए जाएंगे और भविष्य में इनका विस्तार 8 लेन तक किया जा सकेगा.
♦ शाहजहांपुर के जलालाबाद तहसील में 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी (Airstrip) भी बनेगी. इसमें हेलीपैड भी बनाए जाएंगे. इससे इस एक्सप्रेस-वे पर वायु सेना के विमानों के इमरजेंसी टेक-ऑफ और लैंडिंग में सहायता मिलेगी, साथ ही सेना को और मजबूती मिलेगी.
♦ इस एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की रफ्तार 120 किलोमीटर होगी, यानी करीब 6 घंटे में यात्रा पूरी की जा सकती है. जबकि अभी मेरठ से प्रयागराज तक जाने में लगभग 14-15 घंटे लग जाते हैं. बुलंदशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई और प्रतापगढ़ में 5 औद्योगिक कॉरिडोर होंगे.
♦ इस एक्सप्रेस-वे पर 7 रेलवे ओवरब्रिज, 14 बड़े पुल, 126 छोटे पुल, 375 अंडरपास, दो टोल प्लाजा, 15 रैंप टोल प्लाजा और 9 जनसुविधा परिषद का निर्माण कराया जाएगा. 17 जगहों पर इंटरचेंज की सुविधा होगी.
♦ इस एक्सप्रेस-वे के किनारों पर लोगों के लिए कई सुविधाओं जैसे- गाड़ियों के लिए पार्किंग, इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन, पेट्रोल पंप, सर्विस स्टेशन, पानी पीने के बूथ, ढाबा, फूड आउटलेट, शौचालय ब्लॉक आदि को भी शामिल किया जा सकता है.
गंगा एक्सप्रेस-वे से लाभ
♦ गंगा एक्सप्रेस-वे से UP के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र आपस में जुड़ जाएंगे. इस एक्सप्रेस-वे के बेहतर नेटवर्क और इंटरकनेक्टिविटी से UP का हर छोर राज्य से और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जुड़ जाएगा. इस एक्सप्रेस-वे की सहायता से उत्तर प्रदेश में पर्यटन (Tourism) को भी बढ़ावा मिलेगा.
♦ इस एक्सप्रेस-वे से तेज और सुगम ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी के साथ-साथ रोजगार और निवेश के अवसरों में भी बढ़ोत्तरी होगी. रुहेलखंड और विंध्य के कम विकसित क्षेत्रों में कृषि भारतीय पर्यटन और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा.
♦ यह एक्सप्रेस-वे उत्पादन इकाइयों (Production units), विकास केंद्रों और कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जोड़ने के लिए औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में मदद करेगा. प्रवेश नियंत्रित होने के चलते सुरक्षित ईंधन और समय की बचत के साथ ही प्रदूषण पर भी कंट्रोल किया जा सकेगा.
♦ इस एक्सप्रेस-वे से रोजगार के नए अवसर खुलेंगे. शिक्षण, प्रशिक्षण (Teaching, Training) और मेडिकल इंस्टीट्यूट्स की स्थापना के लिए अच्छे अवसर मिलेंगे. इसी के साथ, फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स, स्टोरेज हाउस, मंडी और डेयरी उद्योगों की स्थापना में भी सहायता मिलेगी.
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