Meat Eating in Valmiki Ramayana : ‘श्री राम मांस खाते थे और चमड़ा पहनते थे’
“मैं जो यह मांस बेचने का व्यवसाय कर रहा हूं, वास्तव में यह अत्यंत घोर कर्म है, इसमें संशय नहीं है। किंतु ब्रह्मन्! दैव बलवान् है। पूर्वजन्म में किये हुए कर्म का ही नाम दैव है. यह जो कर्मदोषजनित व्याध के घर जन्म हुआ है, यह मेरे पूर्वजन्म में किये हुए पाप का ही फल है” […]