Watermelon : गर्मियों में सेहत के लिए वरदान है तरबूज, जानिए इसे खाने के फायदे और सावधानियां

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तरबूज खाने के फायदे और नुकसान (Watermelon health benefits and side effects)

Watermelon benefits and side effects for Health

गर्मियों में मौसमी फलों (Seasonal Fruits in summer) का सेवन करना सबसे अच्छा होता है. गर्मियों के फलों में तरबूज (Watermelon or Tarbooj) का विशेष स्थान है. इसकी गिनती गर्मियों में ठंडक देने, शरीर में पानी की कमी को पूरा करने और प्यास बुझाने वाले फलों में होती है. बाहर से हरा और अंदर से लाल तरबूज केवल देखने में सुंदर ही नहीं, खाने में भी स्वादिष्ट और मीठा होता है.

गुणों से भरपूर और स्वादिष्ट होने के कारण ही इसे ‘अद्वितीय फल’ कहा जाता है. गर्मियों के दौरान अगर अच्छे तरबूजों को सही मात्रा में, सही तरीके से और सही समय पर खाया जाए, तो इसके फायदे बहुत ज्यादा और साइड इफेक्ट न के बराबर होते हैं.

गर्मियों में तरबूज को खाना सेहत के लिए अच्छा माना गया है, क्योंकि गर्मियों में जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है, और बार-बार पानी पीने से भी प्यास नहीं बुझती, तब तरबूज को खाने से यह समस्या दूर हो जाती है. तरबूज में करीब 91 प्रतिशत से ज्यादा पानी और लगभग 6 प्रतिशत शुगर होती है. यह शरीर में पानी और ग्लूकोज की मात्रा को पूरा करता है. इसी के साथ, तरबूज हमारी स्किन के लिए भी बहुत अच्छा होता है… और इसीलिए आज कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स में तरबूज का इस्तेमाल होता है.

तरबूज के गुण
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तरबूज पानी और गुणों से भरपूर होता है. तरबूज में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, सल्फर, कॉपर, कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, विटामिन-A,B,C, थायमिन, राइबोफ्लेविन और एस्कॉर्बिक एसिड अच्छी मात्रा में होता है. तरबूज के 100 ग्राम गूदे में लगभग 30 कैलोरी ऊर्जा होती है. वहीं, तरबूज के बीज (Tarbooj ke Beej) भी ठंडे, पौष्टिक, खाने में बहुत स्वादिष्ट और सेहतमंद होते हैं. इन बीजों में प्रोटीन अच्छी मात्रा में होता है… और इनका इस्तेमाल मिठाई, खीर, शर्बत, ठंडाई आदि में किया जाता है.

तरबूज की खेती (Watermelon Cultivation)

तरबूज फल है या सब्जी- वैज्ञानिकों ने तरबूज को फलों से ज्यादा सब्जियों की कैटेगरी में रखा है, क्योंकि तरबूज ‘कुकरबिटेसी (Cucurbitaceae)’ परिवार का हिस्सा है, जिसमें कद्दू, लौकी, परवल, लौकी जैसी गुणकारी सब्जियां आती हैं. इसी परिवार में खीरा, ककड़ी और खरबूजा भी आते हैं, इसलिए तरबूज फल है.

तरबूज के कई नाम हैं, जैसे- हिंदी में इसे तरबूज, इलींदा और हिंदवाना कहते हैं, तो वहीं संस्कृत में कलिन्ट्र, चित्रफलका… मराठी में कलिंगड, गुजराती में कालिगडूं, बांग्ला में तरबूजा, तारमूज… और राजस्थान और पंजाब तरफ इसे मतीरा भी कहा जाता है. कुछ जगहों पर इसे ‘तलिया खरबूजा’ भी कहा जाता है.

तरबूज कब और कहां से आया- तरबूज कहां से और कब से आया, इस बारे में ठीक-ठीक जानकारी नहीं मिलती है. लेकिन इतना तो तय है कि भारत में यह बहुत पहले से इस्तेमाल होता आ रहा है, क्योंकि प्राचीन संस्कृत साहित्य में भी तरबूज का उल्लेख मिलता है.

तरबूज की फसल- आज तरबूज लगभग पूरी दुनिया में पाया जाता है और भारत में इसकी फसल सब जगह तैयार होती है, लेकिन राजस्थान, गुजरात और उत्तर भारत के मैदानी भागों में इसकी फसल ज्यादा होती है, क्योंकि तरबूज की खेती के लिए रेतीली या बलुई या नदी किनारे की चिकनी दोमट मिट्टी और ज्यादा तापमान की जरूरत होती है.

तरबूज की बेल, फल और फूल (Watermelon Plant)- तरबूज की बेल खरबूजे से ज्यादा लंबी होती है और दूर तक फैलती है. तरबूज का तना खांचयुक्त होता है. इसके पत्ते सीधे, पांच भागों में बंटे और किनारों पर कटे हुए, लंबे और गहरे होते हैं. तरबूज के फूल पीले रंग के होते हैं और इसके फल चिकने, गोलाकार या अंडाकार होते हैं. फलों के छिलकों पर कई धब्बेदार धारियां होती हैं. तरबूज के बीज चपटे, नुकीले, काले या सफेद रंग के होते हैं. तरबूज के बेलों में मुख्य रूप से अप्रैल से अगस्त तक फूल और फल लगते हैं.

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बाजार से तरबूज खरीदते समय इन बातों का ध्यान रखें-

(1) फल का डंठल शुष्क या सूखा हो,
(2) तरबूज जिस तरफ से धरती पर रखा हुआ हो, उसका वहां का हिस्सा सफेद या हल्का दाग लिया हुआ हो, जो पकने पर हल्का पीला पड़ जाता है,
(3) पके तरबूज पर हाथ से थपकी मारने पर भारी ध्वनि निकलती हो,
(4) पहले से कटा हुआ या बासी तरबूज बिल्कुल नहीं लेना चाहिए.
तरबूज को काटकर तुरंत खा लेना चाहिए. ज्यादा देर से कटा हुआ रखा तरबूज नहीं खाना चाहिए और न ही इसे काटकर फ्रिज में रखना चाहिए.

तरबूज के इस्तेमाल (Watermelon Uses)- वैसे तो ज्यादातर लोग तरबूज को ऐसे ही काटकर खाते हैं. वहीं, कुछ लोग तरबूज का शर्बत, जैम, जैली (Watermelon juice recipe) आदि भी बनाते हैं. इसके आलावा तरबूज का इस्तेमाल त्वचा से जुड़ी समस्याओं को दूर करने और रंग निखारने में भी किया जाता है.

तरबूज के फायदे (Watermelon juice benefits)-

टेक्सास के फ्रुट एंड वेजीटेबल इम्प्रूवमेंट सेंटर के वैज्ञानिक डॉ. भिमु पाटिल का कहना है कि “हम तरबूज के बारे में जितनी रिसर्च करते हैं, उतना ही इसके बारे में और जानते चले जाते हैं. तरबूज गुणों की खान है और गर्मियों में शरीर के लिए वरदान की तरह है. तरबूज में मौजूद सिट्रुलिन नाम का न्यूट्रिन शरीर में जाने के बाद अर्जीनाइन में बदल जाता है. यह एक एम्यूनो इसिड होता है, जो शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाता है और ब्लड सर्कुलेशन को बनाए रखता है.”

आयुर्वेद के अनुसार, तरबूज का रस दिमाग और हृदय को ताजगी देता है. तरबूज को गर्मियों में शरीर को ठंडक और ताजगी देने के लिए ही खाया जाता है.

तरबूज खून को साफ करने का भी काम करता है. यह शरीर में पानी की मात्रा को बढ़ाता है, जिससे पेशाब भी खुलकर लगती है और शरीर से गंदगी को बाहर निकलने में मदद मिलती है. तरबूज का रस पीने से पेशाब में दर्द, जलन की समस्या, रुक-रुक कर पेशाब आने की परेशानी सहित मूत्र संबंधी कई समस्याओं से राहत मिलती है.

तरबूज में विटामिन ए, बी, सी और आयरन अच्छी मात्रा में होता है, इसलिए खून को बढ़ाने और खून को साफ करने और स्किन से जुड़ी समस्याओं में तरबूज फायदेमंद है.

तरबूज गर्मियों में शरीर को ठंडक देता है. गर्मियों में इसे खाने से लू से बचाव होता है.

तरबूज के टुकड़ों पर काली मिर्च पाउडर, काला नमक बुरककर खाने से खट्टी डकारें बंद हो जाती हैं. तरबूज को इस तरह खाना पेट के लिए भी अच्छा है.

तपती गर्मी की वजह से सिरदर्द होने पर तरबूज का आधा गिलास रस पीने से आराम होता है.

गर्मी की वजह से सिरदर्द या आंखों में जलन होने पर तरबूज के गूदे को माथे पर लगाने से आराम होता है (इस दौरान आंखों का ध्यान रखें).

Watermelon with Lemon- तरबूज के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से गर्मी की वजह से जी मचलाने या उल्टी और दस्त में आराम होता है.

अगर तेज धूप में चलकर आने की वजह से हालत खराब हो गई हो, तो (थोड़ी देर आराम से बैठने के बाद) तरबूज खाने या तरबूज का रस पीने से ताजगी आती है.

तरबूज का रस पीने से खाना ठीक से पचता है और नींद भी अच्छी आती है.

गर्मियों में पेट में गैस या एसिडिटी की समस्या होने पर तरबूज का रस पीने से आराम होता है.

अगर तेज गर्मी की वजह से पैरों के तलवे गर्म हो रहे हों या उनमें जलन हो रही हो, तो तलवों और पंजों में तरबूज का गूदा मलने से आराम होता है.

तरबूज खाने से सूखी खांसी में आराम होता है. तरबूज का रस पीने से पीलिया में भी आराम होता है. वहीं, कुछ लोग तरबूज को मोटापा कम करने वाला भी बताते हैं.

तरबूज के बीजों को पीसकर उसमें मिश्री मिलकर खाने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है.

Watermelon benefits for skin- तरबूज के लाल गूदेदार छिलकों को हाथ-पैर, गर्दन और चेहरे पर मलने से ब्लैक हैड्स दूर होते हैं और रंग निखरता है.

तरबूज के सेवन में सावधानियां (Watermelon side effects)

सही तरीके से खाया गया तरबूज सेहत के लिए जितना फायदेमंद है, गलत तरीके से खाया गया तरबूज उतना ही नुकसानदेह है. अगर तरबूज के सेवन में सावधानियां नहीं रखी जाती हैं, तो यह बहुत बीमार भी कर सकता है. इसलिए तरबूज के सेवन में कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें-

बाजार में कटा रखा हुआ तरबूज भूलकर भी न खरीदें. गर्म या धूप में तपा हुआ तरबूज बिल्कुल न खाएं. बाजार से तरबूज को लाकर कुछ देर के लिए (करीब एक-दो घंटे के लिए) सादा या ठंडे पानी में या फ्रिज में रख देना चाहिए, उसके बाद ही खाना चाहिए.

तरबूज काटकर तुरंत खा लेना चाहिए. ज्यादा देर से कटा रखा हुआ तरबूज बिल्कुल नहीं खाना चाहिए और न ही इसे काटकर फ्रिज में रखना चाहिए.

तरबूज को खाली पेट नहीं खाना चाहिए… और अगर खाली पेट खाना पड़े तो काला या सेंधा नमक के बिना न खाएं.

रात के समय तरबूज नहीं खाना चाहिए.

अगर जुकाम हो या ठंड लग गई हो, तो ऐसे में तरबूज न खाएं.

अस्थमा, हार्ट, शुगर और किडनी के मरीज तरबूज का सेवन कम मात्रा में ही करें या डॉक्टर की सलाह से ही करें, क्योंकि तरबूज में मौजूद एमिनो एसिड अस्थमा के मरीजों, पोटेशियम हृदय रोगियों और शुगर के मरीजों के लिए थोड़ी दिक्कत खड़ी कर सकता है.

एक बार में ज्यादा मात्रा में तरबूज न खाएं. रोज थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाएं.

तरबूज खाने के बाद क्या नहीं खाना चाहिए?

तरबूज खाने के बाद कोई भी लिक्विड न लें. पानी तो बिल्कुल न पीयें. वैसे भी तरबूज में इतना पानी होता है कि इसे खाने के तुरंत बाद पानी पीने की जरूरत होती भी नहीं.

तरबूज के साथ पुदीना, गुड़, पानी और चावल लेने से मना किया जाता है. तरबूज और इन सबके बीच कम से कम 3 घंटों का गैप रखना चाहिए.

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