Morality and Prosperity : नैतिकता और समृद्धि (Prosperity of a Country)

prosperity of a country, job, ias interview questions, safalta ke mantra, success mantra, motivational quotes, सफलता के मंत्र, returning to old job after resigning
Success

Prosperity of a Country (Morality and Prosperity)

वर्ष 2013 में एक स्टडी में विश्व के कई शहरों में एक प्रयोग किया गया. रुपयों-पैसों से भरे 12-12 पर्स किसी पब्लिक प्लेस पर छोड़ दिए गए. उसमें एक एड्रेस और फोन नंबर भी छोड़ दिया गया. अलग-अलग शहरों से अलग-अलग रिजल्ट मिले. हेलसिंकी (फिनलैंड) में 12 में से 11 पर्स वापस हो गए. वहीं लिस्बन (पुर्तगाल) में 12 में से केवल एक पर्स वापस हुआ और वह भी एक डच टूरिस्ट को मिला था. किसी पुर्तगाली ने एक भी पर्स वापस नहीं किया.

ऐसे ही प्रयोग पहले भी किये जा चुके हैं. अमेरिका में ऐसी प्रॉपर्टी के लौटाने की दर औसतन 67% देखी गई. इंग्लैंड में 70%, और मैक्सिको में 21%. और इसलिए आज मैक्सिको के भाग्यशाली लोग अमेरिकी घरों में नौकरों-नौकरानियों का काम करते हैं.

समाज की व्यापक नैतिकता एक विश्वास की परिधि बनाती है. यह विश्वास जितना गहरा होता है, परिधि जितनी व्यापक होती है, व्यापार करना उतना ही सरल होता है. बैंक आपको उतना सस्ता कर्ज देते हैं, व्यापारी उतनी आसानी से उधार देते हैं. जिन बिरादरियों में जितना अधिक विश्वास होता है, वे उतने अधिक सफल और समृद्ध होते हैं.

नीदरलैंड्स का एमस्टर्डम शहर दुनिया के हीरा व्यापार (Diamond Trade) का केंद्र है. अवश्य हीरे जैसी कीमती चीज का व्यापार बिना गहरे विश्वास और सघन नैतिकता के हो ही नहीं सकता. भारत में सूरत (Surat, Bharat) के हीरा व्यापार की भी यही कहानियां हैं, हीरा व्यापारी करोड़ों के हीरे एक-दूसरे को बिना किसी कानूनी लिखा-पढ़ी के केवल विश्वास के आधार पर दे देते हैं.

नैतिकता कोई जेनेटिक गुण नहीं है, यह एक सांस्कृतिक संपत्ति है. और संस्कृति में बदलाव के साथ नैतिकता के स्तर में भी बदलाव आता चला जाता है.

13 जुलाई 1977 को न्यूयॉर्क में इलेक्ट्रिक ग्रिड के फेल होने के कारण कई घंटों के लिए बिजली चली गई. इस ब्लैकआउट में सारा शहर अंधेरे में डूब गया. ट्रांसपोर्ट सिस्टम ठप्प हो गया. लोग अपने घरों से मीलों दूर पूरी रात फंसे पड़े रहे. कोई कम्युनिकेशन सिस्टम, कोई ट्रैफिक सिस्टम, कोई स्टोर, कोई सिक्योरिटी सिस्टम काम नहीं कर रहा था. उस पूरी रात पूरे शहर में लूट-मार मची रही, रिकॉर्ड संख्या में हत्याएं और बलात्कार हुए. यह एक रात न्यूयॉर्क की नैतिकता के स्तर की कहानी कहता है.

लेकिन वह शहर हमेशा से ऐसा नहीं था. बारह वर्ष पहले, 1965 में भी ऐसा ही ब्लैकआउट हुआ था. पर उस रात शहर के नागरिकों ने विलक्षण चरित्र का परिचय दिया था. उन्होंने बाहर फंसे हुए लोगों को खाना खिलाया, अपने घरों में सोने की जगह दी. लोगों ने टॉर्च लेकर लोगों को रास्ता दिखाया, वॉलंटियर्स ने ट्रैफिक को मैनुअली मैनेज किया.

तो इस एक दशक में क्या हुआ जिसने न्यूयॉर्क का चरित्र नष्ट कर दिया? डॉ. थॉमस सॉवेल (Dr. Thomas Sowell) कहते हैं-
1964 में लिंडन जॉन्सन की सरकार (Lyndon Johnson Government) ने गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम बनाया और लोगों को बिठाकर मुफ्त में खिलाने की योजनाएं लाई. इस मुफ्तखोरी ने दस वर्षों में पूरे शहर का चरित्र नष्ट कर दिया. जब लोगों ने यह स्वीकार कर लिया कि बिना मेहनत के, बिना अर्जित किए किसी से कुछ ले लेना बुरी बात नहीं है तो उनकी नैतिकता की सीमाएं टूट गईं. पहले सरकारों ने एक व्यक्ति से छीनकर दूसरे को देने का काम शुरू किया. फिर जब यह चस्का लग गया तो लोगों ने दूसरों से छीनने के लिए सरकार के भरोसे रहना भी छोड़ दिया.

डॉ. सॉवेल अपने बचपन के न्यूयॉर्क को याद करते हैं, जब गलियों में छोटी-छोटी दुकानें पूरी रात खुली रहती थीं. ब्रुकलिन और ब्रॉन्क्स में आप आधी रात को ताजा अखबार खरीदने पास की दुकान पर जा सकते थे. लोग गर्मियों में घरों के बाहर खुले में, पार्क में सोया करते थे. आज आप यह अपनी जान पर खेल कर ही कर सकते हैं. नतीजा यह हुआ कि एक समय के चमकते-दमकते न्यूयॉर्क के बहुत से हिस्से आज स्लम्स और क्राइम के अड्डे बन गए हैं. यही नहीं, पूरे देश की समृद्धि में ह्रास हुआ है.

नैतिकता का समृद्धि से सीधा संबंध है. जो समाज इस संबंध को स्वीकार करता है वह पूरा समाज समृद्ध होता है. चोरों और मुफ्तखोरों का समाज समृद्ध होना डिजर्व ही नहीं करता. यह अर्थशास्त्र (Economics) का एक मूलभूत नियम भी है जो अक्सर बताया नहीं जाता.

रामराज्य एक स्थान नहीं है, एक स्थिर अवस्था नहीं है, एक प्रॉसेस है. समाज की नैतिकता समाज में समृद्धि लाती है. रामराज्य श्रीराम नहीं लाते, श्रीराम रास्ता बताते हैं, आदर्श स्थापित करते हैं, और उनके बताये रास्तों पर प्रजा को ही चलना होता है. प्रजा नैतिक बनती है तो रामराज्य आता है. नहीं तो कुबेर की सोने की लंका रावण के हाथ में पड़ती है और जलकर नष्ट हो जाती है.

Written By : Dr. Rajeev Mishra
Edited By : Radhika Mittal


Read Also : Prinsli.com



Copyrighted Material © 2019 - 2024 Prinsli.com - All rights reserved

All content on this website is copyrighted. It is prohibited to copy, publish or distribute the content and images of this website through any website, book, newspaper, software, videos, YouTube Channel or any other medium without written permission. You are not authorized to alter, obscure or remove any proprietary information, copyright or logo from this Website in any way. If any of these rules are violated, it will be strongly protested and legal action will be taken.



About Guest Articles 80 Articles
Guest Articles में लेखकों ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं। इन लेखों में प्रस्तुत किसी भी विचार एवं जानकारी के प्रति Prinsli World या Prinsli.com उत्तरदायी नहीं है।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*