Protostar Image : प्रोटोस्टार क्या है और यह कैसे बनता है? कैसे लेता है यह तारे का रूप?

what is protostar, protostar in dark cloud l1527 james webb telescope image

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कॉप (James Webb Space Telescope) की नई तस्वीर ने तारों के बनने के शुरुआती दिनों को दिखाया है. यानी वेब ने एक नवोदित तारे या प्रोटोस्टार (Protostar) की तस्वीर ली है. यह प्रोटोस्टार डार्क क्लाउड L1527 (गैस और धूल के घने, काले बादल) में छिपा हुआ है.

स्टार बनाने वाले क्षेत्र और उसके भीतर प्रोटोस्टार को डार्क क्लाउड L1527 की वजह से दूरबीनों द्वारा नहीं देखा जा सकता है. तारे के बनने की इस प्रक्रिया को केवल अवरक्त प्रकाश (Infrared Light) में ही देखा जा सकता है. जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) का नियर इन्फ्रारेड कैमरा (NIRCam) इस कार्य को संभव बनाता है.

डार्क क्लाउड L1527 के भीतर का प्रोटोस्टार, वृषभ तारा बनाने वाले क्षेत्र (Taurus star-forming region) में लगभग 460 प्रकाश-वर्ष दूर स्थित है. यह प्रोटोस्टार मात्र 1,00,000 वर्ष पुराना है.

अब पहले हम समझ लेते हैं कि यह प्रोटोस्टार क्या है और कैसे बनता है-

तारों के विकास की प्रक्रिया में प्रोटोस्टार का बनना सबसे प्रारंभिक चरण है. प्रोटोस्टार एक बहुत छोटा तारा है जो अभी भी अपने मूल आणविक बादल (Parent Molecular Cloud) से द्रव्यमान एकत्र कर रहा है (आसपास के आणविक बादल घनी धूल और गैस से बने होते हैं जो केंद्र की ओर खींचे जाते हैं, जहां प्रोटोस्टार रहता है).

बहुत ज्यादा गुरुत्वाकर्षण बल के कारण धूल और गैस से बने बादलों में संकुचन या सिकुड़न (Contraction) शुरू होता है, तो इसी से तारों का जन्म होने लगता है. जब इन बादलों में सिकुड़न (पदार्थों का अंदर की तरफ समाते जाना) शुरू हो जाता है, यानी धूल और गैसें जब गुरुत्वाकर्षण बल (Gravity) के कारण अपने केंद्र पर इकठ्ठा होने लगती हैं, तो यही बादल एक गोल पिंड का रूप लेने लगता है, जिसे प्रोटोस्टार (Protostar) कहते हैं.

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कॉप द्वारा ली गई तस्वीर में यही होते हुए देखा जा सकता है. डार्क क्लाउड L1527 ऐसा ही कर रहा है. इस तरह हम देख सकते हैं कि जब हमारा सूर्य और सौर मंडल अपनी शैशवावस्था में कैसा दिखता था.

नीले क्षेत्र वे हैं जहां धूल सबसे पतली होती है. धूल की परत जितनी मोटी होती है, उतनी ही कम नीली रोशनी बच पाती है, जिससे नारंगी रंग के पॉकेट बन जाते हैं.

प्रोटोस्टार एक अत्यंत सघन गैसीय पिंड (Dense Gaseous Body) होता है. प्रोटोस्टार का बनना तारों के बनने का पहला स्टेज है. इसमें प्रकाश नहीं होता. फिर जब अगले स्टेज में प्रोटोस्टार एक तारे का रूप ले लेता है, तब उसमें अपना प्रकाश आ जाता है.

Next Stage- प्रोटोस्टार में सिकुड़न जारी रहता है, जिससे प्रोटोस्टार में मौजूद हाइड्रोजन परमाणु (जब अंदर की तरफ जाने की होड़ में) एक-दूसरे से टकराने लगते हैं, तो इनके टकराने से प्रोटोस्टार का तापमान बढ़ने लगता है और नाभिकीय संलयन प्रक्रिया (Nuclear Fusion Process) शुरू हो जाती है.

तारे हाइड्रोजन के नाभिकीय संलयन से ईंधन भरते हैं जिससे उनके आंतरिक भाग में हीलियम का निर्माण होता है. यह प्रक्रिया लाखों सालों तक चलती रहती है. इससे ताप और प्रकाश के रूप में बहुत ऊर्जा पैदा होती है. यही ऊर्जा प्रोटोस्टार को चमकदार बना देती है और इस तरह वह प्रोटोस्टार एक चमकदार तारा बन जाता है. यह तारा बहुत लंबे समय तक चमकता रहता है, जैसे हमारा सूर्य चमक रहा है.

Read Also –

तारे क्या हैं और ये कैसे बनते हैं

ब्लैक होल क्या हैं और ये कैसे बनते हैं

ब्रह्मांड के बारे में कुछ रोचक तथ्य

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कॉप

रोचक तथ्य

Science News



Copyrighted Material © 2019 - 2024 Prinsli.com - All rights reserved

All content on this website is copyrighted. It is prohibited to copy, publish or distribute the content and images of this website through any website, book, newspaper, software, videos, YouTube Channel or any other medium without written permission. You are not authorized to alter, obscure or remove any proprietary information, copyright or logo from this Website in any way. If any of these rules are violated, it will be strongly protested and legal action will be taken.



About Prinsli World 178 Articles
A Knowledge and Educational platform that offers quality information in both English and Hindi, and its mission is to connect people in order to share knowledge and ideas. It serves news and many educational contents.

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*