What is Waterfall : जलप्रपात क्या हैं और ये कैसे बनते हैं?

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जलप्रपात

How are Waterfalls Formed

झरना या जलप्रपात (Waterfall) एक नदी या पानी का अन्य स्रोत है जो किसी ऊंची चट्टान से नीचे किसी जलाशय में तेजी से गिरता है. झरनों को कैस्केड (Cascades) भी कहा जाता है. अक्सर झरने तब बनते हैं जब जलधाराएँ नरम चट्टान से कठोर चट्टान की ओर बहती हैं. अपरदन (Erosion) की प्रक्रिया, चट्टानों का घिसना आदि झरनों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. झरने स्वयं भी अपरदन में योगदान देते हैं.

दूसरे शब्दों में, जब नदी का जल अचानक ऊँचाई से नीचे गिरता है, तो वह जलप्रपात या झरना बन जाता है. नदी के मार्ग में अनेक कोमल तथा कठोर चट्टानें आती हैं. नदी की धारा से कोमल चट्टानें जल्दी कट जाती हैं और उस स्थान पर नदी की तलहटी नीची हो जाती है. इस प्रकार नदी का जल तीव्र गति से नीचे की ओर गिरने लगता है और जलप्रपात का निर्माण होता है.

झरने के निकट आते ही जलधारा का वेग और भी बढ़ जाता है, जिससे चट्टानों के कटाव की मात्रा भी बढ़ जाती है. झरने के शीर्ष (Top) पर पानी की गति चट्टानों को बहुत सपाट और चिकना बना देती है. ऊँचाई से गिरते हुए जल और तलछट (नदी के साथ बहकर आये सूक्ष्म गाद, कंकड़ या पत्थर आदि) के तेज बहाव के कारण झरने के आधार पर एक गर्त या गड्ढा बन जाता है, जिसे जलकुंड (Plunge Pool) कहते हैं.

What is a waterfall? How are waterfalls formed?

गिरते पानी का तेज बहाव शक्तिशाली भँवरों (Whirlpools) का भी निर्माण कर सकता है. यानी गर्त में गिरने पर नदी का जल एक भंवर के रूप में घूमने लगता है और एक प्रकार के छेदक का कार्य करता है. नदी के जल में उपस्थित तलछट इस गर्त की दीवारों और तल का अपरदन करते रहते हैं, जिससे यह गर्त और गहरा और चौड़ा हो जाता है.

कटाव सिर्फ एक प्रक्रिया है जो झरने का निर्माण कर सकती है. झरना पृथ्वी की सतह में आई दरार के कारण भी बन सकता है. इसके अलावा भूकंप, भूस्खलन, ग्लेशियर या ज्वालामुखी भी जलधाराओं को बाधित कर झरने बनाने में मदद कर सकते हैं.

अपरदन क्या होता है अपरदन या कटाव वह प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें जल प्रवाह, वर्षा या हवा आदि द्वारा पृथ्वी की सतह पर मिट्टी, चट्टान आदि को एक स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर ले जाकर जमा कर दिया जाता है. यह प्रक्रिया पृथ्वी के धरातल पर विभिन्न स्थलाकृतियों का निर्माण करती है. दूसरे शब्दों में, कुछ भौतिक शक्तियों के कारण मिट्टी की ऊपरी परत का हट जाना ही मृदा अपरदन है. इस प्रक्रिया में मिट्टी के कण ढीले हो जाते हैं या घाटियों, महासागरों, नदियों, झरनों या दूर भूमि में बह जाते हैं.

झरनों को देखकर रोमांचित हो जाता है मन

जलप्रपात या झरने देखने में तो खूबसूसरत होते ही हैं, साथ ही इनके पास जाने का अनुभव भी अलग ही होता है. पहाड़ों और हरियाली के बीच में से ऊंचाई से तेजी से गिरता दूधिया पानी और उसकी भीषण आवाज शरीर के रोम-रोम को रोमांचित कर देती है. झरनों को पास से देखना आपको अच्छा महसूस करा सकता है, नेगेटिविटी और डिप्रेशन को कम करने में मदद करता है, साथ ही शरीर और मन को ऊर्जा से भर देता है. चूंकि झरने बहुत नाटकीय और खतरनाक होते हैं, अतः रोमांच के शौकीन लोग उनके ऊपर या उसके आसपास स्टंट या कार्यक्रम करना पसंद करते हैं.

विश्व का सबसे ऊंचा झरना (World’s Highest Waterfall)

एंजल फॉल्स या साल्टो एंजेल (Angel Falls or Salto Angel) वेनेजुएला के कनैमा नेशनल पार्क (Canaima National Park, Venezuela) में 3,212 फीट (979 मीटर) की ऊंचाई पर 2,648 फीट की ऊंचाई से गिरने वाला दुनिया का सबसे ऊंचा मुक्त-गिरने वाला झरना (Free-falling waterfall) है. यह कैराओ की सहायक Churun River पर स्थित है, जिसका स्थानीय भाषा में अर्थ है- ‘गड़गड़ाहट’.

एंजेल फॉल्स अपने आधार पर लगभग 500 फीट चौड़ा है. दुनिया की महान प्राकृतिक रचनाओं में से एक, एंजेल फॉल्स देखने वालों के मन को आश्चर्य से भर देता है. अपनी ऊँचाई और सौंदर्य के कारण एंजेल फॉल्स वेनेज़ुएला के शीर्ष पर्यटक आकर्षणों में से एक है, जबकि इस झरने तक पहुंचना बहुत आसान नहीं है.

नियाग्रा फॉल्स (Niagara Falls)

आपने नियाग्रा फॉल्स (Niagara Falls) का नाम बहुत सुना होगा. उत्तरपूर्वी उत्तरी अमेरिका में नियाग्रा नदी पर स्थित नियाग्रा फॉल्स दुनिया के सबसे ऊंचे झरनों में शामिल नहीं है. लगभग 50 अन्य झरने इससे अधिक ऊंचे हैं. लेकिन दुनिया के कुछ सबसे ऊँचे झरनों में पानी बहुत कम है. और नियाग्रा फॉल्स को जो चीज इतना खास बनाती है, वह है इसकी संयुक्त ऊंचाई और आयतन. नियाग्रा फॉल्स अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है और जलविद्युत ऊर्जा का एक मूल्यवान स्रोत है. यह झरना ओन्टारियो, कनाडा और न्यूयॉर्क राज्य, अमेरिका के बीच की सीमा पर स्थित है और पर्यटकों की प्रमुख आकर्षणों में से एक है.

भारत के झरने (Waterfalls of Bharat)

हमारा भारत झरनों के मामले में भी धनी देश है. भारत का सबसे ऊंचा झरना कुंचिकल जलप्रपात (Kunchikal Falls) है, जो कर्नाटक के शिमोगा जिले (Shimoga district, Karnataka) में मस्तीकट्टे के निकट निदागोडु गांव में स्थित है. प्रकृति का आनंद लेने के लिए एक सुरम्य और शानदार स्थान है. 455 मीटर की ऊंचाई से गिरता कुंचिकल झरना वाराही नदी (Varahi River) द्वारा निर्मित है.

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वहीं, कर्नाटक के शिमोगा जिले में ही स्थित गरसोप्पा या जोग फॉल्स (Garsoppa or Jog Falls) भी भारत के सबसे ऊंचे और सबसे सुन्दर झरनों में से एक है. इसकी ऊँचाई 253 मीटर है. कावेरी की सहायक शरावती नदी द्वारा बनाया गया यह झरना चट्टानों पर बिना रुके सीधे नीचे गिरता है. मानसून के दौरान, समय-समय पर इंद्रधनुष के साथ इस झरने का मनमोहक दृश्य देखा जा सकता है. यह प्रकृति की शानदार कृतियों में से एक है और घने सदाबहार जंगलों में स्थित है. प्रचुर मात्रा में वनस्पति से ढके हुए आसपास के सुंदर क्षेत्र इस आकर्षक झरने का प्रभाव और भी बढ़ा देते हैं.

प्राकृतिक सौंदर्य अद्भुत नजारा धुआंधार जलप्रपात

मध्यप्रदेश में जबलपुर के निकट नर्मदा नदी की घाटी में स्थित धुआंधार जलप्रपात (Dhuandhar Falls) अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए केवल जबलपुर में ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में पर्यटन का एक महत्वपूर्ण स्थान है. इसका उद्गम नर्मदा नदी से होता है. यह सुरम्य प्रसंग प्रसिद्ध संगमरमर की चट्टानों से निकलता है. जब यह झरना बड़ी धारा के साथ गिरता है तो पानी गिरने की आवाज दूर तक सुनाई देती है.

धुंआधार झरना सुंदरता की दृष्टि से एक असाधारण स्थान है, जिसके कारण इसे देखने बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. दृश्य अद्भुत है और अनुभव अविस्मरणीय है. जबलपुर शहर से 25 किमी दूर स्थित यह झरना अपनी मनमोहक सुंदरता के कारण एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. दोस्तों और परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए भी यह एक आदर्श जगह है. पास में संगमरमर की चट्टानें हैं और जो लोग झरने की धुंध में डूबना चाहते हैं उनके लिए नौकायन की सुविधा भी उपलब्ध है.

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