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Magic in Sanskrit Language : ग्रंथों में संस्कृत भाषा के अद्भुत और चमत्कारिक प्रयोग

प्राचीन वेद धर्मग्रन्थ वैदिक संस्कृत (Sanskrit) में लिखे गए हैं, जो कि सबसे प्राचीन प्रामाणिक भाषा है. संस्कृत का सबसे प्राचीन अर्थात वेदकालीन व्याकरण ‘वैदिक व्याकरण’ कहलाता है. यह पाणिनी की व्याकरण से कुछ अलग था. […]

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Sagun Nirgun Ishwar : भगवान अवतार क्यों लेते हैं?

अर्जुन जानते थे कि उनके सामने साक्षात् परब्रह्म खड़े हुए हैं, जो अर्जुन को अपने विराट स्वरूप का दर्शन भी करा चुके थे. अर्जुन श्रीकृष्ण के वास्तविक स्वरूप को पहचानते थे, और इसीलिए उन्होंने … […]

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Ancient Indian Caste System (2) : ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र आदि क्या हैं?

यक्ष ने पूछा- “हे राजन! कुल, आचार, स्वाध्याय और शास्त्रश्रवण- इनमें से किसके द्वारा ब्राम्हणत्व की प्राप्ति होती है? कृपया निश्चय करके बतायें.” […]

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Ancient Indian Caste System (1) : वर्ण और जाति में क्या अंतर है? सवर्ण, सूत आदि क्या हैं?

चूंकि शारीरिक आधार पर तो मनुष्य में कोई भेद नहीं है, लेकिन गुण, कर्म, रुचि, योग्यता, व्यवहार, आचरण, अच्छाई, बुराई आदि के आधार तो अनेक भेद हैं. यहां तक कि एक ही परिवार के सभी सदस्य एक-दूसरे के जैसे नहीं होते… […]

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धर्म और अध्यात्म

Maa Durga ke 9 Roop : मां दुर्गा के 9 रूपों का क्या है रहस्य?

हम अपने आराध्य देवी-देवताओं के स्वरूपों को देखें तो किसी के कई हाथ हैं, कई सिर हैं. तमाम तरीके के अस्त्र-शस्त्र धारण करते हैं. सभी देवी-देवता अलग-अलग वाहनों पर विराजमान हैं, जैसे कोई सिंह पर तो कोई चूहे पर और कोई वृष पर आदि. ऐसा क्यों? […]

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ज्ञान मार्ग, कर्म मार्ग और भक्ति मार्ग क्या हैं? तीनों में कौन श्रेष्ठ है?

फल की चिंता उसे ही ज्यादा सताती है जिसने अपने कर्म निर्वहन में पूर्ण निष्ठा न निभाई हो. जैसे- एक विद्यार्थी जिसने बहुत मेहनत से परीक्षा की तैयारी की है, वह परीक्षा देकर परिणाम की चिंता नहीं करेगा बल्कि … […]

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“तुम्हारा गॉड भगवान कैसे हो सकता है?”

मैंने कई हिंदुओं को ऐसे प्रश्नों से दुष्प्रभावित होते हुये देखा है. लेकिन क्या कोई भी व्यक्ति आपसे भी इस प्रकार का अतार्किक सवाल करे, तो क्या आप भी वाकई में कोई जवाब नहीं दे पाएंगे…? […]

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धर्म और अध्यात्म

Shaiv and Vaishnav : भगवान शिव और भगवान विष्णु

हमारे देश में शिवभक्त श्रीकृष्ण के भजन का आनंद लेते हैं, और विष्णुभक्त शिवरात्रि का उपवास रखते हैं. दोनों मिलकर नवरात्रि मनाते हैं. […]

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Surdas Ji : वात्सल्य और शृंगार रस के सम्राट भक्तकवि सूरदास

वृंदावन में श्रीकृष्ण और गोपियों का संपूर्ण जीवन क्रीड़ामय है. इसमें श्रीकृष्ण और राधाजी के अंग-प्रत्यंग की शोभा का अनेकानेक पदों में अत्यंत चमत्कारपूर्ण वर्णन सूरदास जी ने किया है. इसके बाद सूरदास जी वृंदावन की करील कुंजों, सुंदर लताओं, हरे-भरे कछारों के बीच खिली हुई चांदनी और कोकिल-कूजन … […]

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महाभारत (Mahabharat) की ऐतिहासिकता : कब हुआ था महाभारत का युद्ध?

डॉ. बीबी लाल अपनी प्रसिद्ध पुस्तक “महाभारत की ऐतिहासिकता” में लिखते हैं कि, “महाभारत को लेकर अन्वेषण में एक बड़ी समस्या यह है कि समय-समय पर इसमें श्लोकों की अभिवृद्धि हुई, जिसने मूल सन्दर्भ को अपनी छाया से ढक लिया है….” […]