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धर्म और अध्यात्म

Saptarishi Taramandal : सप्तर्षि किसे कहते हैं, वर्तमान में सप्तर्षियों में कौन-कौन शामिल हैं?

सप्तर्षि तारामंडल में महर्षि वशिष्ठ कहलाने वाले तारे के निकट एक कम प्रकाश वाली तारिका दिखाई देती है, जिसे अरुंधति कहा जाता है, महर्षि वशिष्ठ की पत्नी अरुंधति … […]

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धर्म और अध्यात्म

Brahma Saraswati : जब अपनी ही पुत्री पर काममोहित हो गए ब्रह्मा जी…

“भगवान ब्रह्मा की पुत्री सरस्वती बड़ी ही सुकुमारी और मनोहर थी. हमने सुना है कि एक बार उसे देखकर ब्रह्माजी काममोहित हो गए थे, यद्यपि वह स्वयं वासनाहीन थी. ब्रह्माजी को ऐसा …” […]

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धर्म और अध्यात्म

हनुमान जी में कितना बल है : जब जाम्बवान्‌ ने याद दिलाईं हनुमान जी की शक्तियां

‘संसार में कौन सा ऐसा कठिन काम है जो तुमसे न हो सके. तुम युद्ध में किसी अस्त्र-शस्त्र से मारे नहीं जा सकते हो. मृत्यु तुम्हारी इच्छा के अधीन है. जब तुम चाहोगे …’ […]

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धर्म और अध्यात्म

मदन-दहन की कथा : शिव की कोपाग्नि में क्यों भस्म हुए कामदेव

कामदेव के लिए कहा गया है कि उनका प्रताप ऐसा है कि उनके द्वारा चलाये गए पुष्पबाण कहीं से भी निष्फल होकर नहीं लौटते, इसीलिये कामदेव के लिए ‘जयिन’ और उनके बाणों के लिए ‘असिद्धार्था’ विशेषणों का प्रयोग भी किया गया है… […]

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धर्म और अध्यात्म

Ganga | Indian Culture : भारतीय संस्कृति में देवनदी गंगा की महिमा एवं महत्त्व

भारतीय पुराणों और साहित्यों में अपने सौंदर्य और महत्त्व के कारण बार-बार आदर के साथ वंदित गंगा नदी के प्रति विदेशी साहित्यों में भी प्रशंसा और भावुकतापूर्ण वर्णन किया गया है. […]

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धर्म और अध्यात्म

Ramayan Panchvati : जब श्रीराम ने लक्ष्मण जी को कहा ‘पिता और पुत्र के समान’

महर्षि अगस्त्य ने अपने सभी श्रेष्ठ आयुध श्रीराम और लक्ष्मणजी को सौंप दिए थे. ऋषि अगस्त्य सीता जी के धर्म और गुणों की बहुत प्रशंसा करते हैं. इसके बाद श्रीराम महर्षि अगस्त्य से पूछते हैं कि … […]

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धर्म और अध्यात्म

Importance of Water in Vedas : भारतीय संस्कृति में जल एवं जलाशयों की महत्ता, वेदों में जल संरक्षण

आर्य संस्कृति नदियों के तटों पर फली, फूली और बढ़ी है. बड़े बड़े प्राचीन नगर नदियों के तटों पर ही समृद्ध हुए. जैसे सरयू के तट पर अयोध्या, क्षिप्रा नदी के तट पर उज्जयिनी, त्रिवेणी के तट पर प्रयाग, यमुना के तट पर मथुरा आदि. पंजाब तो सप्तसिंधु प्रान्त कहलाया ही. […]

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धर्म और अध्यात्म

Shri Vishnu Sudarshan Chakra : भगवान् विष्णु जी को सुदर्शन चक्र मिलने की कथा और सन्देश

‘सुदर्शन’ शब्द दो संस्कृत शब्दों से बना है- ‘सु’ जिसका अर्थ है “अच्छा/शुभ” और ‘दर्शन ‘जिसका अर्थ है “दृष्टि”. ऋग्वेद में सुदर्शन चक्र का उल्लेख श्रीविष्णु के एक प्रतीक और समय के पहिये के रूप में भी किया गया है. […]

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धर्म और अध्यात्म

Ramayan : माता कैकेयी ने श्रीराम के लिए 14 वर्षों का वनवास क्यों माँगा था?

माता कैकेयी बोलीं- “मन्थरे! यह तो तुमने बड़ा ही प्रिय समाचार सुनाया. तुमने मुझे जो बात बताई, उसके बदले मैं तुम पर क्या उपकार करूँ? कल महाराज मेरे राम का राजतिलक करने वाले हैं, यह सुनकर मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई. मैं राम और भरत में कोई भेद नहीं समझती…” […]

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धर्म और अध्यात्म

Ramayan : जब श्रीराम पूछते हैं- ‘माँ! क्या अनजाने में मुझसे कोई अपराध हो गया है…?’

“देवी! राम को राज्य का लोभ नहीं है और भरत पर उनका बड़ा ही प्रेम है. मैं ही अपने मन में बड़े-छोटे का विचार करके राजनीति का पालन कर रहा था. मुझे भरत का राज्याभिषेक स्वीकार है, पर राम को वनवास क्यों? राम ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है…?” […]