Radish : पेट के लिए अमृत है मूली, जानिए भोजन के साथ मूली खाने के बड़े फायदे

radish mooli

खाने में बड़े स्वाद की साथ खाई जाने वाली मूली (Radish or Mooli) सेहत के लिए बहुत जरूरी और फायदेमंद है. यह पेट की समस्याओं और मूत्रविकारों को दूर कर देती है. इसकी जड़ से लेकर इसके पत्तों तक का हर हिस्सा उपयोगी है. आयुर्वेद (Ayurveda) में भी मूली को औषधि का नाम दिया गया है.

आमतौर पर मूली के मुख्य फायदे भी लोग जानते ही हैं और इसीलिए इसे अपने खाने में बड़े शौक के साथ शामिल भी करते हैं. कुछ लोग इसे हरी चटनी के साथ ऐसे ही कच्ची खा जाना पसंद करते हैं, तो कुछ लोग इसके परांठे, अचार आदि भी बनाते हैं. वहीं, मूली के पत्तों की सब्जी भी बड़े चाव से खाई जाती है.

मूली की खेती (Radish cultivation)

कंद शाक या सब्जियों में मूली बहुत प्रसिद्ध है और यह भारत में सब जगह होती है. इसका इस्तेमाल भी प्राचीनकाल से ही होता आ रहा है. यह मुख्य रूप से सर्दियों में खाई जाने वाली सब्जी है, लेकिन कुछ जगहों पर यह हर मौसम में उपलब्ध होती है. मूली की भी कई किस्में होती हैं- सफेद, छोटी सफेद, लाल, गोल मूली आदि.

मूली का उत्पादन बीज बोकर किया जाता है. जड़ वाली फसल होने के कारण इसे भुरभुरी मिट्टी की जरूरत होती है. मूली के लिए हल्की बलुई दोमट मिट्टी या अच्छी निथारवाली, नर्म और जैविक खाद वाली जमीन अच्छी रहती है. मूली के खेत की तैयारी करने के लिए 4-5 बार जुताई की जरूरत पड़ती है और तैयारी के समय ही गोबर की खाद मिला दी जाती है. गाजर (Carrot) की तरह मूली भी जमीन के अंदर होती है और इसके भी पौधे लगभग एक से डेढ़ फीट की ऊंचाई वाले होते हैं.

muli ki kheti

मूली के गुण

आयुर्वेद में मूली को औषधि कहा गया है. महर्षि चरक ने मूली को ‘अधम कंद’ कहा है. चरक और सुश्रुत ने अनेक बीमारियों में मूली के इस्तेमाल को बताया है. मूली विटामिन-A का खजाना है. इसी के साथ, इसमें विटामिन B, C, सोडियम, क्लोरीन, मैग्नीशियम, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फॉस्फोरस, आयरन और आयोडीन भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं.

मूली के पत्ते मूली से भी ज्यादा पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. मूली के पत्तों को फेंकना नहीं चाहिए. अगर पत्ते अच्छे हैं, तो उनकी सब्जी बनाकर सेवन करना चाहिए. ये बहुत स्वास्थ्यवर्धक होते हैं. मूली के पत्तों की सब्जी आलू या मूंग की दाल के साथ मिलाकर बनाई जाती है, जो बहुत स्वादिष्ट होती है. मूली के पौधों पर लगने वाली फलियां, जिन्हें ‘मोगरी’ कहा जाता है, भी बहुत स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक होती हैं. वहीं, मूली के बीजों से तेल भी निकाला जाता है, जिसकी गंध और स्वाद मूली जैसा ही होता है.

मूली के फायदे (Radish benefits)

कच्ची मूली खाने के फायदे- अगर मूली ज्यादा तीखी न हो, तो ज्यादातर लोग मूली को ऐसे ही कच्ची या उसे हरी चटनी के साथ खाना पसंद करते हैं. मूली को कद्दूकस करके, उसमें टमाटर या नींबू का रस, हरा धनिया आदि मिलाकर, खाने के बीच-बीच में खाना सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. इससे जठराग्नि तेज होती है और खाने को ठीक से पचाने में मदद मिलती है.

मूली बवासीर में फायदेमंद है. खाने के साथ रोज एक कच्ची मुलायम मूली खाने से कई बीमारियों को दूर रखा जा सकता है. यह शरीर से विषैली गैस को बाहर निकालकर ऑक्सीजन देती है. मूली खाना आंखों के लिए भी अच्छा होता है.

मूली त्रिदोष यानि वात, पित्त और कफ को मिटाती है. यह पेट के कीड़ों का भी सफाया करती है. ऐसे ही कच्ची मूली चबा-चबाकर खाने से दांत और मसूढ़ों को भी मजबूती मिलती है और हड्डियों के लिए भी अच्छा होता है.

मूली का सेवन करने से त्वचा का भी रंग निखरता है, खुश्की दूर होती है, खून साफ होता है, चेहरे की झाइयां-कील-मुहांसे आदि भी साफ होते हैं.

मूली के रस के फायदे- मूली का ताजा रस पीने से मूत्र संबंधी बीमारियों में आराम होता है. मूली का रस मोटापा से भी बचा सकता है. मूली के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है. इससे गैस से होने वाले पेट दर्द में भी आराम होता है. मूली के रस में नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से रंग निखरता है. मूली का रस बालों में डालकर करीब 15-20 मिनट बाद शैंपू कर लेने से बालों के कीड़े खत्म होते हैं.

मूली के पत्तों के फायदे- मूली के पत्ते खाने से पेशाब और दस्त साफ आते हैं. मूली के पत्ते पचने में हल्के और गर्म होते हैं. लेकिन इन्हें कच्चे कम खाना चाहिए. मूली के अच्छे पत्तों को घी के साथ मिलाकर इनकी सब्जी बनानी चाहिए. यह सब्जी बहुत फायदेमंद होती है. मूली के पत्तों का रस पथरी में फायदेमंद है. मूली के पत्तों की कई स्वादिष्ट रेसिपी बनती हैं.

अलग-अलग समस्याओं में मूली के फायदे-

खाने के साथ रोज कच्ची मूली खाने से शरीर की गंदगी और विषैली गैस बाहर निकलती है.

खाने के साथ कच्ची मूली खाने से पेट की कई समस्याएं जैसे अफारा, अपच, कब्ज, गैस आदि में आराम होता है.

कच्ची मूली खाने या मूली का रस पीने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं.

किडनी के लिए मूली अच्छी मानी जाती है. खाने के साथ कच्ची मूली खाने से यूरिन से जुड़ी कई समस्याएं दूर हो जाती हैं.

कच्ची मूली चबाने से दांत और मसूड़े मजबूत बनते हैं और हड्डियों को भी ताकत मिलती है.

मूली हाई ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल को भी कंट्रोल में रखती है और हृदय रोगों को भी कम करती है.

मूली के सेवन से पीलिया रोग में भी आराम होता है.

मूली खाने से बवासीर में आराम होता है.

मूली के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से पेट की कई समस्याएं दूर होती हैं, साथ ही मोटापा कम होता है.

मूली कफ को भी बाहर निकालती है और खांसी में भी फायदेमंद है.

मूली में पर्याप्त मात्रा में विटामिन-ए पाया जाता है, इससे यह आंखों के लिए भी बहुत फायदेमंद है.

खाने के साथ मूली का सेवन करते रहने से त्वचा की समस्याएं भी कम होती हैं, क्योंकि मूली में खून को साफ करने की भी क्षमता होती है.

मूली के पत्तों की सब्जी बनाकर खाने से रूचि बढ़ती है और कई रोगों में आराम होता है.

मूली के सेवन में सावधानियां

मूली खाने को पचाने में मदद करती है, लेकिन खुद देर से पचती है. मूली को खाली पेट नहीं खाना चाहिए, नहीं तो छाती में दर्द हो सकता है और पित्त भी बढ़ता है. सर्दियों में कच्ची मूली का सेवन कम करना चाहिए.

लेकिन खाने के साथ मूली की सलाद आराम से खाई जा सकती है. सर्दियों में धूप में बैठकर अच्छी, ताजी और मुलायम मूली में थोड़ी सी हरी चटनी या सेंधा नमक लगाकर खाना भी अच्छा होता है.

नोट- हर अच्छी चीज का सेवन भी उचित मात्रा में ही करें. इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और कई किताबों पर आधारित है. इन पर अमल करने से पहले डॉक्टर या जानकार की सलाह ले लें.



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