भाई-भाई विपत्ति बाँटने के लिए होते हैं, न कि संपत्ति का बंटवारा करने के लिए…
किसी ने मुझसे पूछा कि यदि राम के समय पुष्पक विमान बन सकते थे, पत्थरों से समुद्र पर सेतु बनाए जा सकते थे, तो आज … […]
किसी ने मुझसे पूछा कि यदि राम के समय पुष्पक विमान बन सकते थे, पत्थरों से समुद्र पर सेतु बनाए जा सकते थे, तो आज … […]
उपनयन संस्कार प्राचीन भारत में मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु तक होने वाले कुल 16 संस्कार में से एक है, जिसमें बालक यज्ञोपवीत धारण करता है और इसके बाद वह शिक्षा और वेदों को पढ़ने का अधिकार प्राप्त करता है. […]
महर्षि जाबालि भगवान श्रीराम के सामने नास्तिकता का तर्क रख देते हैं, जिस पर श्रीराम तर्क के साथ ही उत्तर देते हैं. […]
भगवान श्रीराम और माता सीता जी (Shri Ram and Sita) की जोड़ी इस संसार की सबसे आदर्श जोड़ियों में से एक है. इस जोड़ी में सुरक्षा और सम्मान दोनों की भावना है. […]
Shri Ram Sita वनवास की अवधि पूरी होने में एक वर्ष ही शेष रह गया था. श्रीराम-सीताजी और लक्ष्मण जी पंचवटी में एक कुटिया बनाकर शांति से रह रहे थे, कि एक दिन रावण की […]
Shri Ram ki Mahima (Ramayan) रावण ने जब श्रीराम के लिए अपमानजनक भाषा का प्रयोग कर, उनकी पत्नी सीता जी के हरण की योजना मारीच को बताते हुए उससे सहायता करने के लिए कहा, तो […]
इस चौपाई में अगर हम ‘ताड़ना’ का अर्थ “मारना, पीटना, दंड देना, प्रताड़ित करना” आदि से लगाएंगे, तो … […]
भगवान श्रीराम कोई भी बात दो बार नहीं कहते. […]
सरयू नदी (Sarayu River) के दाहिने किनारे पर स्थित अयोध्या कभी प्राचीन कौशल साम्राज्य (Kosala Empire) की राजधानी थी. इस पवित्र नगरी को ‘साकेत’ के नाम से भी जाना जाता है. सदियों से यह सूर्यवंश (Suryavansh) के वंशजों की राजधानी रही है. […]
Ram naam ki mahima shakti : जिनके विराट स्वरूप में अखिल ब्रह्मांड समाया हुआ है, ब्रह्मलोक जिनका शीश और पाताल जिनके चरण हैं, सूर्य-चंद्र जिनके नेत्र और मेघमंडल जिनके काले केश हैं, भयंकर काल जिनके भृकुटी संचालन मात्र से गतिमान होता है, वेद जिनकी वाणी, शिव जिनका अहंकार और ब्रह्मा जिनकी बुद्धि हैं… उत्पत्ति, पालन और प्रलय जिनकी चेष्टा हैं, उन्हीं चराचरपति भगवान श्री नारायण जी के अवतार हैं श्रीराम’. […]
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