ढोल गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी…
इस चौपाई में अगर हम ‘ताड़ना’ का अर्थ “मारना, पीटना, दंड देना, प्रताड़ित करना” आदि से लगाएंगे, तो … […]
इस चौपाई में अगर हम ‘ताड़ना’ का अर्थ “मारना, पीटना, दंड देना, प्रताड़ित करना” आदि से लगाएंगे, तो … […]
भगवान श्रीराम कोई भी बात दो बार नहीं कहते. […]
सरयू नदी (Sarayu River) के दाहिने किनारे पर स्थित अयोध्या कभी प्राचीन कौशल साम्राज्य (Kosala Empire) की राजधानी थी. इस पवित्र नगरी को ‘साकेत’ के नाम से भी जाना जाता है. सदियों से यह सूर्यवंश (Suryavansh) के वंशजों की राजधानी रही है. […]
अगर रावण उस समय अपने पुत्र मेघनाद और सभा में बैठे अन्य चापलूसों की बात न मानकर, अपनी पत्नी मंदोदरी और अपने भाई विभीषण आदि की बात मान लेता, तो वह कुल सहित नष्ट न होता. […]
अयोध्या नगरी (Ayodhya) इंद्र की पुरी के समान बड़ी सुंदर ढंग से बसी हुई थी. उसके आठ कोने थे. बड़ी सुंदर लंबी-चौड़ी सड़कें बनी हुई थीं. नगरी की प्रधान सड़कें तो बहुत ही लंबी-चौड़ी थीं, जिन पर रोज सुगंधित फूल बिखेरे जाते थे. सड़कों के दोनों ओर सुंदर वृक्ष लगे हुए थे. […]
श्रीरामचरितमानस (Ramcharitmanas) में गोस्वामी तुलसीदास जी (Goswami Tulsidas) लिखते हैं कि, “श्रीराम का तीर लगने के बाद बाली व्याकुल होकर धरती पर गिर पड़ा, लेकिन प्रभु श्रीराम को आगे देखकर वह फिर उठ बैठा.” […]
Sita ji ki Gauri puja : सीता जी का गौरी पूजन, गौरी माता की स्तुति, जय जय गिरिबरराज किसोरी, राम सीता विवाह, सीता जी की प्रार्थना.. […]
Ram naam ki mahima shakti : जिनके विराट स्वरूप में अखिल ब्रह्मांड समाया हुआ है, ब्रह्मलोक जिनका शीश और पाताल जिनके चरण हैं, सूर्य-चंद्र जिनके नेत्र और मेघमंडल जिनके काले केश हैं, भयंकर काल जिनके भृकुटी संचालन मात्र से गतिमान होता है, वेद जिनकी वाणी, शिव जिनका अहंकार और ब्रह्मा जिनकी बुद्धि हैं… उत्पत्ति, पालन और प्रलय जिनकी चेष्टा हैं, उन्हीं चराचरपति भगवान श्री नारायण जी के अवतार हैं श्रीराम’. […]
चूंकि दशहरा (Dussehra) का त्यौहार विजय का प्रतीक है, इसलिए इस दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत करना, या किसी अच्छी की खरीदारी करना, नए या साफ-सुथरे कपड़े पहनना और अच्छे पकवान खाना और खिलाना शुभ माना जाता है. […]
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