Shri Siddhivinayak Temple Mumbai : श्री सिद्धिविनायक मंदिर की महिमा

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श्री सिद्धिविनायक मंदिर (Shri Siddhivinayak Temple)

Shri Siddhivinayak Temple Mumbai

श्री सिद्धिविनायक मंदिर (Shri Siddhivinayak Temple) भगवान गणेश जी (Bhagwan Ganesh ji) को समर्पित सबसे पुराने पवित्र मंदिरों में से एक है. महाराष्ट्र के आर्थिक नगर मुंबई के रिहायशी इलाके प्रभादेवी (Prabhadevi, Mumbai) में स्थित श्री सिद्धिविनायक मंदिर भगवान गणेश जी को समर्पित सबसे पुराने लोकप्रिय और पवित्र मंदिरों में से एक है.

सिद्धिविनायक नाम का अर्थ है- ‘इच्छाओं को पूरा करने वाले विनायक’. यहां भगवान को ‘नवसाचा गणपति (Navsacha Ganpati)’ और ‘नवसाला पावणारा गणपती’ के रूप में जाना जाता है, जिसका मराठी में अर्थ है- ‘जब भी सच्ची भक्ति और ईमानदारी के साथ प्रार्थना की जाती है तो गणपति इच्छा पूरी जरूर करते हैं.’

और सच में इस मंदिर में सच्चे मन और भक्ति से की गई कोई भी इच्छा जरूर पूरी होती है. ऐसा अनगिनत लोगों का अनुभव है. और यही कारण है कि हर समय इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है. कई मशहूर हस्तियां अपने घर से नंगे पैर चलकर इस मंदिर में भगवान श्री गणेश जी का आशीर्वाद लेने के लिए आती रहती हैं.

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श्री सिद्धिविनायक मंदिर के भगवान गणेश जी

श्री सिद्धिविनायक मंदिर में एक छोटा मंडपम (हॉल) है, जहां मुख्य देवता विराजमान हैं. भगवान गणेश जी की मूर्ति को एक ही काले पत्थर से उकेरा गया है, जिसमें भगवान की सूंड दाईं ओर झुकी हुई है. उनके ऊपरी दाएं और बाएं हाथ में क्रमशः कमल का फूल और कुल्हाड़ी है, जबकि निचले दाएं और बाएं हाथ में एक जपमाला और मोदक से भरा पात्र है.

भगवान गणेश जी के मस्तक पर भी भगवान शिव के तीसरे नेत्र के समान एक नेत्र है. भगवान गणेश जी के दोनों किनारों पर रिद्धि और सिद्धि देवी की एक-एक मूर्ति स्थापित है. ये देवी पवित्रता, सफलता, धन और समृद्धि का प्रतीक हैं. इसी कारण इस मंदिर को सिद्धिविनायक गणपति मंदिर कहा जाता है. परिधि में एक हनुमान मंदिर भी है.

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श्री सिद्धिविनायक मंदिर के बारे में
(Siddhivinayak Temple Architecture)

मंदिर का गर्भग्रह- गर्भगृह 12 फीट ऊंचे गुंबद के ठीक नीचे है, जिसके शिखर पर सोने की परत चढ़ा हुआ कलश 1500 किलोग्राम वजन का है. गर्भगृह को लकड़ी के दरवाजों से सुसज्जित किया गया है, जिन्हें अष्टविनायक या भगवान गणेश जी के आठ रूपों की छवियों के साथ उकेरा गया है.

मंदिर में हजारों पुस्तकों का संग्रह- अन्य गुंबदों को पंचधातु (सोना, चांदी, तांबा, पीतल और कांस्य) से मढ़वाया गया है. दूसरी मंजिल में मंदिर की रसोई है और चौथी मंजिल में धर्म, दर्शन और विज्ञान से संबंधित 8,000 से भी ज्यादा पुस्तकों का संग्रह है. मंदिर की ऊपरी मंजिलों में इसके पुजारियों के आवासीय क्वार्टर हैं.

लोक कल्याणकारी कार्य- सिद्धिविनायक मंदिर समाज के कल्याण के लिए कई तरह की सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियां चलाता है. यह एक डायलिसिस सेंटर चलाता है, रक्त और स्वास्थ्य शिविर (Blood and Health camps) आयोजित करता है और निःशुल्क नेत्र जांच (Free eye check-ups) प्रदान करता है.

श्री सिद्धिविनायक मंदिर का इतिहास
(Shri Siddhivinayak Temple History)

श्री सिद्धिविनायक मंदिर का इतिहास 200 सालों से भी पुराना है. 1801 में स्थापित यह मंदिर मूल रूप से एक छोटा पूजा स्थल था. लेकिन इसकी महिमा को देखते हुए साल 1993 में 2,550 वर्ग फुट के एक भव्य परिसर में इस मंदिर का विस्तार किया गया. प्रारंभिक मंदिर छोटा था और उसके बगल में एक झील थी. वर्तमान में, यह मंदिर एक छह मंजिला बहु-कोणीय संरचना (Multi-angular structure) है.

1952 में मंदिर परिसर के भीतर एक छोटा हनुमान मंदिर (Hanuman Temple) स्थापित किया गया था. हनुमान जी की यह प्रतिमा एक सड़क विस्तार परियोजना के दौरान खुदाई से प्राप्त हुई थी.

मंगलवार को रहती है सबसे ज्यादा भीड़-

सिद्धिविनायक मंदिर साल के सभी 365 दिन खुला रहता है. इस मंदिर में पूरे हफ्ते भीड़ रहती है, लेकिन मंगलवार को सबसे ज्यादा भक्त यहां आते हैं. सिद्धिविनायक मंदिर में प्रवेश निःशुल्क है. हालांकि, अगर आप लंबी कतारों से बचना चाहते हैं, तो आप शुल्क का भुगतान कर VIP दर्शन का उपयोग कर सकते हैं. विकलांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए मंदिर के द्वार पर व्हीलचेयर की सुविधा उपलब्ध है. मंदिर के अंदर लिफ्ट की सुविधा भी मौजूद है. मंदिर के अंदर फोटोग्राफी प्रतिबंधित है.

Website- https://www.siddhivinayak.org/

Siddhivinayak Temple Timings

मंदिर का समय दिन के आधार पर अलग-अलग होता है. मंगलवार को छोड़कर सभी दिनों के लिए मंदिर सुबह 5:30 बजे खुलता है और अंतिम आरती के बाद बंद हो जाता है.

Darshan Timings Tuesdays- 3:15 AM to 12:00 AM
Darshan Timings Other days- 5:30 AM to 10:00 PM

मंदिर तक जाने वाली संकरी गलियों में से एक को ‘फूल गली’ कहा जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में फूलों की माला, तुलसी के पत्ते, नारियल और मिठाई विक्रेता होते हैं.

सिद्धिविनायक मंदिर में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi)- भगवान गणेश जी को समर्पित सबसे बड़ा उत्सव गणेश चतुर्थी अगस्त-सितंबर के दौरान पूरी मुंबई में भव्य तरीके से आयोजित किया जाता है. यह उत्सव 11 दिनों तक चलता है. सिद्धिविनायक मंदिर में इस उत्सव की रौनक देखते ही बनती है. इस समय भगवान की एक झलक पाने के लिए मंदिर में इन दस दिनों के दौरान लाखों तीर्थयात्री आते हैं.

इस दौरान मुंबई में रहने और यहां आने वाले लगभग हर भक्त की मुख्य कोशिश श्रीसिद्धिविनायक जी और लालबाग के राजा के दर्शनों की होती है. इस दौरान इस मंदिर में वैदिक भजन और श्लोकों का जप किया जाता है. भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए नारियल, गुड़ और मोदक जैसे प्रसाद चढ़ाए जाते हैं.

संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi)- हिंदू कैलेंडर के हर महीने कृष्ण पक्ष के चौथे दिन पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी दुनिया भर में गणेश भक्तों के लिए बहुत ही पवित्र दिन है. बहुत से लोग इस दिन उपवास रखते हैं. नरसिंह पुराण और भविष्य पुराण जैसे पुराणों में इस दिन के महत्व का उल्लेख किया गया है. जीवन में बाधाओं को दूर करने और समृद्धि पाने के लिए इस दिन भगवान गणेश जी की महापूजा की जाती है.

इनके अलावा, सिद्धिविनायक मंदिर में विनायकी चतुर्थी, नवरात्रि और महाशिवरात्रि, हनुमान जन्मोत्सव, अक्षय तृतीया, गुड़ी पर्व, राम नवमी, गंगा दशहरा, नाग पंचमी, गोकुलाष्टमी भी बड़ी धूमधाम और आनंद के साथ मनाए जाते हैं. इसी के साथ, सिद्धिविनायक मंदिर में प्रोजाना कई विशेष पूजा और सेवा होती हैं, जिनमें से अथर्व शीश हवन, पंचामृत पूजा, अष्टोत्तर नाम पूजा, षोडशोपचार पूजा, सहस्त्रवर्तन पूजा, श्री सत्य विनायक पूजा प्रमुख हैं.

सिद्धिविनायक मंदिर कैसे पहुंचे?
(How to Reach Siddhivinayak Temple)

By Air- मुंबई भारत की वित्तीय राजधानी (Financial capital of India- Mumbai) है और प्रमुख एयरलाइनों के जरिए देश के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई की दूरी लगभग 15 किमी है. यातायात की स्थिति के आधार पर लगभग एक घंटे का समय लगता है. हवाई अड्डे से प्रभादेवी के लिए टैक्सी किराए पर ली जा सकती है.

By Train- दादर रेलवे स्टेशन मंदिर परिसर तक दस मिनट की दूरी पर है. दादर और सीएसटी टर्मिनल, चर्चगेट और सांताक्रूज जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों के बीच लोकल ट्रेनें चलती हैं. मुंबई सीएसटी टर्मिनल देश के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है.

By Road- मुंबई शहर पणजी, पुणे, ठाणे, बेंगलुरु, अहमदाबाद और सूरत जैसे आसपास के सभी प्रमुख शहरों से विस्तृत राष्ट्रीय राजमार्गों के माध्यम से जुड़ा हुआ है. शहर में बसों और टैक्सियों द्वारा अच्छी स्थानीय परिवहन कनेक्टिविटी है.

ठहरने के लिए- मुंबई में और सिद्धिविनायक मंदिर के पास ठहरने के लिए बड़ी संख्या में, हर बजट में होटल, लॉज और गेस्टहाउस उपलब्ध हैं. हालांकि और जगहों की तुलना में यहां पर ठहरने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं.

भोजन के लिए- मुंबई में आप दुनियाभर का स्वाद चख सकते हैं. यहां खाने-पीने की कमी तो है ही नहीं. एक से बढ़कर एक व्यंजनों का स्वाद लेने के सात सितारा होटलों से लेकर स्थानीय कैफे और ढाबों तक इस विशाल शहर में फैले हुए हैं. जुहू और चौपाटी समुद्र तट पर चाट का मजा जरूर लें. बड़ा पाव और पावभाजी जरूर ट्राई करें. सिद्धिविनायक मंदिर के पास खाने-पीने और चाट के ढेर सारे स्टॉल लगे होते हैं.

एक नजर अपनी मुंबई पर भी (Mumbai)

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई एक बहुत ही खूबसूरत शहर है. यह बहुत से लोगों की ड्रीम सिटी है. यह एक मायानगरी है. यहां जो कोई भी आता है, वो यहीं का होकर रह जाना चाहता है. यहां हर प्रकार के लोग बसते हैं और इसीलिए यहां दुनिया का हर रंग देखने को मिलता है. मुंबई में केवल आधुनिकता ही नहीं, संस्कृति की रक्षा भी अपने शीर्ष पर है.

भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई देश के सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थानों जैसे भारतीय रिजर्व बैंक, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, सेबी का घर है और कई भारतीय कंपनियों और बहुराष्ट्रीय निगमों का कॉर्पोरेट मुख्यालय है. यह भारत के कुछ प्रमुख वैज्ञानिक और परमाणु संस्थानों का भी घर है.

अरब सागर के तट पर बसी मुंबई देश के कोने-कोने से आसमानी महत्वाकांक्षा वाले सपने देखने वालों को अपनी ओर आकर्षित करती है. यह ऐसी अनूठी जगह है, जहां अतीत को भविष्य के साथ मिलाया जाता है और इतिहास आधुनिकता से मिलता है. एक ऐसा शहर जो व्यापार और मनोरंजन के क्रॉस सेक्शन पर स्थित है और अपनी खुद की एक लय में धड़कता है.

मुंबई विरासत और संस्कृति और चकाचौंध और ग्लैमर का समामेलन है. इस शहर में हर साल कई नए चेहरे फिल्मी दुनिया में अपना नाम बनाने के लिए उत्सुक होते हैं. यहां का मौसम सालभर लगभग एक सा ही रहता है. हर घुमक्कड़ी को इस खूबसूरत सिटी में आकर यहां की खूबसूरती का अनुभव जरूर करना चाहिए. अगर आप मुंबई आएं तो प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर, मुंबई की देवी मुंबा देवी मंदिर, श्री राधा रासबिहारी जी मंदिर (इस्कॉन), स्वामीनारायण मंदिर आदि में भी जाना न भूलें.

देखें- भारत के प्रसिद्ध और खूबसूरत मंदिर

देखें- वीरों की धरती झांसी के बारे में


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About Sonam Agarwal 238 Articles
LLB (Bachelor of Law). Work experience in Mahendra Institute and National News Channel (TV9 Bharatvarsh and Network18). Interested in Research. Contact- sonagarwal00003@gmail.com

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