Benefits of Eating Banana : केला खाने के फायदे और सावधानियां

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केला के गुण, प्रयोग और फायदे

केले की जड़, तने और पत्तों का औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है. आज भी कई जगहों पर खाना खाने के लिए केले के पत्तों का काफी इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि दक्षिण और पश्चिम भारत. कई फाइव-स्टार होटलों और रिसॉर्ट आदि में दक्षिण भारतीय भोजन पारंपरिक तौर से केले के पत्तों पर ही परोसा जाता है. प्राचीन ग्रंथों में भी केले के पत्तों पर भोजन करने को सेहत के लिए बहुत लाभकारी बताया गया है. केले के पत्ते से बनी पत्तल में भोजन करना चांदी के बर्तनों में खाने के समान माना गया है.

केला खाने के फायदे (Benefits of Eating Banana)

पोषक तत्वों की दृष्टि से केले कीमती खाद्य पदार्थ हैं. केलों में खनिज द्रव्य भारी मात्रा में होता है. जो लोग अपने शरीर का विकास करना चाहते हैं, उनके लिए केला बहुत ही अच्छा आहार है. पके केले स्त्रियों के लिए बहुत लाभकारी होते हैं. प्रदर और रक्तस्राव में स्त्रियों को पके केले खाने चाहिए.

केले के सेवन से हृदय रोगों में फायदा होता है, हड्डियाँ मजबूत होती हैं, पाचन तंत्र के लिए भी अच्छा होता है, नकसीर में अर्थात नाक से खून निकलने पर भी लाभ होता है. पके केले खाने से तृषा रोग मिटता है. पके केले शहद के साथ खाने से पीलिया दूर होता है. पके केले को शुद्ध घी के साथ खाने से पित्तरोग मिटता है.

दूध और केलों को पूर्ण आहार माना गया है. यदि जठराग्नि मंद न हो, तो दूध और केले बच्चों के लिए भी उत्तम आहार है, हालांकि आयुर्वेद दूध और केलों को विरुद्ध आहार मानता है. आयुर्वेद के अनुसार, दूध और केलों के सेवन-काल में तीन घंटे का अंतर होना जरूरी है.

कुछ लोगों की मान्यता है कि रात में केले खाने से पचते नहीं, लेकिन ऐसा है नहीं. पके केले सरलता से पच जाते हैं. इन केलों में शर्करा-ग्लूकोज की मात्रा अधिक होने के कारण इनका सेवन करने के दूसरे दिन दस्त साफ आते हैं (लेकिन जिन लोगों को सर्दी की समस्या रहती हो, उन्हें रात में केलों का सेवन नहीं करना चाहिए).

केले मधुर, ठंडे, मल को रोकने वाले, भारी, स्निग्ध होते हैं. ये कफ, पित्त, रक्तविकार, दाह, क्षय और वायु को मिटाते हैं. पके केले मधुर, ठंडे, पाक में भी मधुर, वीर्यवर्धक, पुष्टिदायक, रुचि उत्पादक और मांस को बढ़ाने वाले एवं भूख, प्यास, नेत्ररोग और प्रमेह को मिटाने वाले हैं. हड्डियों, दांतों, त्वचा के रोगों में केले बहुत ही उपयोगी हैं.

केले में विटामिन A, C, H के साथ-साथ आयरन, कॉपर, मैंगनीज, फॉस्फोरस, कैल्शियम, जैसे खनिज तत्व भी मौजूद होते हैं. आलू और केलों में कार्बोहाइड्रेट और खनिज तत्व समान मात्रा में होते हैं, लेकिन आलू को बिना पकाये नहीं खाया जा सकता है, जबकि केलों के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं है.

आलू को पकाने पर उसमें मौजूद विटामिन C काफी हद तक नष्ट हो जाता है, जबकि केलों के साथ यह समस्या नहीं है. इसी के साथ, डायबिटीज के रोगियों के लिए आलू की तुलना में केले सुरक्षित और पौष्टिक आहार हैं.

केले आँतों में विशेष प्रकार के जीवाणुओं को पुष्ट करते हैं. ये जीवाणु अन्य हानिकारक जीवाणुओं को मारते हैं. ये आँतों की सड़न को रोकते हैं. जिनके जठर में जरूरत से ज्यादा खटाई हो, उनके लिए केले बहुत फायदेमंद हैं.

पके केलों में सरलता से पचने वाले तत्व होते हैं. पके केले को मसलकर या उनके पीस करके उनमें काला नमक छिड़ककर खाना पेट और मुंह के स्वाद के लिए बहुत अच्छा है.

केले में पोषक तत्व ज्यादा होने पर भी इनमें फैट की मात्रा कम होती है. केलों को खाने के बाद पेट देर तक भरा भरा लगता है और शरीर को जरूरी पोषक तत्व भी मिल जाते हैं, अतः वजन कम करने वालों के लिए भी केले अच्छा आहार हैं.

भोजन करने के बाद कुछ महीनों तक तीन पके केले खाने से दुर्बल व्यक्ति का शरीर पुष्ट-मांसल बनता है.

केले को दही के साथ मिलाकर खाने से दस्त, पेचिश और मासिक धर्म के समय अधिक खून बहने की परेशानी में लाभ होता है.

आग से जल जाने पर केला का प्रयोग बहुत लाभ देता है. आग से जले हुए स्थान पर केले के फल को मसलकर लगाएं. इससे बहुत लाभ होता है.

आपके आंखों में जलन हो तो केले के पत्तों को आंखों के ऊपर बांधें. इससे आंखों की जलन ठीक होती है.



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